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Kerala State Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 1 Chapter 2 हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था (टिप्पणी)
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था Text Book Questions and Answers
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्ना 1.
‘जानना’ शब्द की लेखक की व्याख्या से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर:
लेखक का कहना सही है। अकसर हम दूसरों को उनके नाम, पता, उम्र, ओहदे, जाति आदि के द्वारा जानते हैं। लेकिन असल में किसी को जानना है तो उसके जीवन के असलियत को जानना है। उसका दुख, निराशा, असहायता और कठिनाइयों को जाने बिना ‘जानना’ कभी पूरा नहीं होता।
प्रश्ना 2.
कविता के शिल्प-पक्ष पर लेखक के क्या-क्या निरीक्षण है?
उत्तर:
लेखक कहते हैं कि इस कविता में शिल्प की बारीक कारीगरी हम देख सकते हैं। इसमें ‘जानना’ किसी लोकगीत की स्थाई की तरह बार-बार आता है। इस कविता में गीतात्मकता बोध बहुत मिलता है।
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था Text Book Activities & Answers
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था अभ्यास के प्रश्न
प्रश्ना 1.
टिप्पणी के आधार पर लिखें।
उत्तर:
प्रश्ना 2.
कविता पर टिप्पणी लिखते समय किन-किन बातों पर ध्यान देना है? नरेश सक्सेना की टिप्पणी के आधार पर आकलन सूची तैयार करें।
उत्तर:
- कवि का परिचय दिया है।
- कविता का आशय संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत किया है।
- कविता का संदेश लिखा है।
- कविता के शिल्प पक्ष का विश्लेषण किया है।
प्रश्ना 3.
सोचें, यह चित्र आपसे क्या कह रहा है?
उत्तर:
चित्र में एक मुर्गी का बच्चा दिखाई पड़ता है। वह प्रलय से बचा हुआ जूते पर खड़ा हुआ नज़र आ रहा है। चारों ओर पानी ही पानी। कहाँ जाएँ? उसके मन में आकांक्षा होगी कि मैं बच पाएगा या नहीं। फिर भी एक जूते को आसरा बनाकर वह आगे बढ़ना चाहता है। आगे की सैर मुश्किल होगी या नहीं, कुछ सोचता भी नहीं, प्रस्तुत चित्र एक उत्तरजीविता की कहानी बताता है।
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था Orakkum Questions and Answers
सूचनाः कविता का यह अंश पढ़े और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखें।
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था ।
व्यक्ति को मैं नहीं जानता था ।
हताशा को जानता था।
प्रश्ना 1.
यहाँ कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर:
दर्द और एहसास सबके एक जैसे होते है।
उसे समझने केलिए किसी को वैयक्तिक रूप से जानने की ज़रूरत नहीं।
प्रश्ना 2.
‘व्यक्ति को न जानना’ और ‘हुताशा को जानना’ का मतलब क्या है?
उत्तर:
व्यक्ति न जानना का अर्थ है – उनका नाम, पता, स्थान, जाति आदि का न जानना। हताशा को जानना का मतलब है उनके एहसासों और दर्दो को जानना।
प्रश्ना 3.
यहाँ कवि का कौन-सा मनोभाव व्यक्त होता है?
उत्तर:
किसी व्यक्ति के एहसासों और दों का जानने का मनोभाव है। दर्द और एहसास सब के एक जैसे होते है। उसे समझने केलिए किसी को वैयक्तिक रूप से जानने की ज़रूरत नहीं हैं।
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था SCERT Questions and Answers
प्रश्ना 1.
कवितांश का टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्तियाँ श्री विनोद कुमार शुक्ल की कविता “हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था” कविता से ली गई हैं। इन पंक्तियों में कवि किसी व्यक्ति को जानने का हमारा जो रूढी होता है वह तोड़ देते हैं। किसी व्यक्ति को उनके नाम, जाति, पते, उम्र, से जानना नहीं उन के एहसासों या दर्दो से जानना है। दर्द और एहसास सबके एक जैसे होते है। उसे समझने वैयक्तिक रूप से जानने की ज़रूरत नहीं। उनकी मदद करने केलिए दर्द और एहसास समझना ही काफी हैं।
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था Additional Questions and Answers
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था आशयग्रहण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
नरेश सक्सेना के मत में जानने पहचानने की हमारी रूढ़ी क्या है?
उत्तर:
व्यक्ति के नाम, पते, उम्र, ओहदे या जाति ही किसी को जानने पहचानने की हमारी रूढ़ी है।
प्रश्ना 2.
नरेश जी के मत में हमें किसी व्यक्ति की किन-किन बातों को जानना चाहिए?
उत्तर:
हमें किसी भी व्यक्ति की हताशा, निराशा और असहायता को जानना पहचानना चाहिए।
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था Summary in Malayalam and Translation
हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था शब्दार्थ