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Kerala State Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 4 Chapter 1 बसंत मेरे गाँव का (लेख)
बसंत मेरे गाँव का Text Book Questions and Answers
बसंत मेरे गाँव का विश्लेषणात्मक प्रश्न
Basant Mere Gaav Ka प्रश्ना 1.
उत्तराखंड के हिमालयी अंचल में फूलदेई को बच्चों का सबसे बड़ा त्योहार मानते हैं। क्यों?

उत्तर:
फूलदेई के त्योहार में बच्चों की अहम भूमिका रहती है। इसमें बड़ों की भूमिका केवल सलाह देने तक सीमित रहती है। फूलदेई का त्योहार मनाने के लिए पहले बच्चे फूल चुनते हैं। टोकरियों में रखते हैं। सुबह बच्चे गाँव भर घूमकर घरों की देहरियों को फूलों से सजाते हैं। घरवाले बच्चों को चावल, गुड़, आदि दक्षिणा में देते हैं। इक्कीस दिन तक इसी प्रकार सामग्रियाँ इकट्ठी की जाती हैं। इन्हीं चीज़ों से अंतिम दिन सामूहिक भोज बनाते हैं। ये सारे काम बच्चे ही करते हैं। इसलिए इसे बच्चों का सबसे बड़ा त्योहार मानते हैं।
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प्रश्ना 2.
‘आपसी विश्वास के दम पर वर्षों से यहाँ यह लेन-देन चल रहा है।’ यहाँ गाँववालों की कौन सी विशेषता प्रकट होती है?

उत्तर:
यहाँ गाँववाले और पशुचारकों के बीच लेन-देन चल रहा है। वे ईमानदार और निस्वार्थ हैं। मनाफे की कोई प्रतीक्षा के बिना आपसी विश्वास से यह व्यापार चलता रहता है।
प्रश्ना 3.
‘जब तक हिमालय रहेगा, ऋतुओं के बदलने का उल्लास बना रहेगा।’ इसका क्या तात्पर्य है?

उत्तर:
हिमालय की भौगोलिक स्थिति और इन ऋतुओं के बदलने में घना संबंध है। हिमालय अंचल की संस्कृति, कला, जीवन रीति आदि पर इन ऋतुओं का बड़ा असर है। इसलिए ऐसा कहा . गया है। – प्रकृतिवर्णन से युक्त वाक्य लेख से चुनकर लिखें।
बसंत मेरे गाँव का Text Book Activities and Answers
बसंत मेरे गाँव का अभ्यास के प्रश्न
प्रश्ना 1.
प्रकृति वर्णन से युक्त वाक्य लेख से चुनकर लिखें। जैसे,
i. मकर संक्रांति के बाद सूरज पंचाचूली के शिखरों से चौखंभा पर्वत की तरफ खिसकना शुरु कर देता है।
ii. बसंत की गुनगुनी धूप जब दोपहरी में तपाने लगती है तब ऊँचे हिमालय शिखरों पर बुराँस चटकने लगते हैं।
रेखांकित अंशों पर ध्यान दें, और उनका विशेष अर्थ समझें। पाठभाग से ऐसे वाक्यों का चयन करें।
उत्तर:
- सूरज पंचाचूली से खिसककर जब नंदा पर्वत तक पहुँचता है तो पहाडों में फमूली के पीले । फूल खिलने लगते हैं।
- पहाड़ी के ढलानों पर खूबसूरती से कटे सीढ़ीनुमा खेतों में गेहूँ की हरियाली के बीच सरसों की पीलाई पसर जाती है।
- बुराँस के फूल पहाडों पर शानदार लालिमा बिछा देते है।
- गाँव की जड़ में बहती गंगा से सटकर बनी सीली सड़क में हलचल बढ़ जाती है।
प्रश्ना 2.
पदत्त कार्य
मौसम के आधार पर भारत की सामाजिक गतिविधियाँ बदलती रहती हैं। यहाँ की ऋतुओं की बातें तो बिलकुल अनोखी हैं। हर ऋतु के साथ कई त्योहार भी जुड़े हुए हैं। सोचें और इस तालिका की पूर्ति करें:

उपरोक्त तालिका के आधार पर मौसम और त्योहार विषय पर निबंध तैयार करें।
उत्तर:

बसंत मेरे गाँव का बदलते त्योहार बदलते मौसम
हमारे त्योहार और मौसम के बीच घना संबंध है। वेदों में प्रकृति को ईश्वर का साक्षात् रूप मानकर उसके हर रूप की वंदना की गई है। इसके अलावा आसमान के तारों और आकाश मंडल की स्तुति कर उनसे रोग और शोक को मिटाने की प्रार्थना की गई है।
ऋतुएँ छह बताई गई हैं – वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद्, हेमंत एवं शिशिर । ऋषियों ने ऐसे प्रत्येक ऋतु में प्रत्येक त्योहार और नियम बनाए जिनका पालन करने से व्यक्ति सुखमय जीवन प्यतीत कर सके। वसंत ऋतु में होली, रंग-पंचमी, बसंत पंचमी, नवरात्रि, रामनवमि, हनुमान जयंती और गुरुपूर्णिमा उत्सव मनाए जाते हैं। ग्रीष्म ऋतु में निर्जला एकादशी वट सावित्री व्रत, शीतलाष्टमी, देवशयनी, एकादशी, और गुरुपूर्णिमा त्योहार आते हैं। श्रावण और भाद्रपद वर्षा ऋतु के मास हैं। वर्षा नया जीवन लेकर आती है।
यह माह जुलाई-सितंबर में पडता है। इस ऋतु के तीज, रक्षाबंधन और कृष्णजन्माष्टमी सबसे बड़े त्योहार हैं। शरद् ऋतु वातावरण में स्वाच्छता का प्रसार दिखाई पड़ता है। यह ऋतु अकतूबर से नवंबर के बीच रहती है। इस ऋतु के त्योहार हैं – श्राध्द पक्ष, नवरात्रि, दशहरा करवा चौथ । हेमंत ऋतु हिंदु माह के मार्गशीर्ष और पौष मास के बीच रहती है। इस ऋतु में शरीर प्रायः स्वस्थ रहता है। करवा चौथ, धनतेरस, रूप चतुर्दशी दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज आदि त्योहार पडेंगे। शिशिर ऋतु माघ और फाल्गुन के महीने अर्थात् पतझड़ माह में आती है।
इस ऋतु में प्रकृति पर बुढ़ापा छा जाता है। इस ऋतु से ऋतुचक्र के पूर्ण होने का संकेत मिलता है। यह 15 जनवरी से पूरे फरवरी माह तक रहती है। इस ऋतु में मकर संक्रांति का त्योहार आता है। इसी ऋतु में फाल्गुन मास कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का महापर्व मनाया जाता है।
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प्रश्ना 3.
i. बसंत फूलदेई का त्योहार लेकर आता है।
ii. देर शाम तक बच्चे फूल चुनते हैं।
iii. सुबह पौ फटते ही बच्चों की टोलियाँ गाँव भर में घूमती हैं।
रेखांकित शब्द क्रिया के किस समय को सूचित करता है? चर्चा करें।
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उत्तर:
यहाँ आता है, चुनते हैं और घूमती हैं क्रियाएँ क्रिया के वर्तमान काल में होने की सूचना देती हैं। वर्तामान काल में क्रिया के आठ रूप बनते हैं। नीचे की तालिका से उन्हें समझें।
प्रश्ना 4.
ये वाक्य पढ़ें।
( इन फूलों को रिंगाल से बनी खास तरह की टोकरियों में रखा जाता है।)
यहाँ फूलों को रिंगाल से बनी खास तरह की टोकरियों में किसके द्वारा रखा जाता है?
अब यह वाक्य पढ़ें,
(बच्चे इन फूलों को रिंगाल से बनी खास तरह की टोकरियों में रखते हैं।)
इन दोनों वाक्यों पर चर्चा करें।
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उत्तर:
पहले वाक्य में कर्म की प्रमुखता है। इस प्रकार के वाक्य को ‘कर्म वाच्य’ कहते हैं। इसमें कर्म ‘फूल’ है। कर्म वाच्य के वाक्यों की क्रियाएँ कर्म के लिंग-वचन के अनुसार बदलती हैं। लेकिन यहाँ कर्म के साथ ‘को’ परर्सा का प्रयोग हुआ है। इसलिए क्रिया का रूप पुल्लिंग एकवचन में है।
दूसरे वाक्य में कर्ता की प्रमुखता है। इसमें कर्ता ‘बच्चे’ है। इस प्रकार के वाक्य को कर्तृवाच्य कहते हैं। कर्तृवाच्य के वाक्यों की क्रियाएँ कर्ता के लिंग-वचन के अनुसार बदलती हैं।
प्रश्ना 5.
इस प्रकार के अन्य वाक्य ढूँढकर लिखें।
उत्तर:
1. पिछली शाम चुने गए फूल घरों की देहरियों पर सजाए जाते हैं।
2. दक्षिणा में मिली यह सामग्री पूरे इक्कीस दिन तक इकट्ठी की जाती है।
3. अंतिम दिन इकट्ठी की गई सामग्री से सामूहिक भोज बनाया जाता है।
चर्चा करें:
उपर्युक्त तीन वाक्य कर्मवाच्य के वाक्य हैं। कर्मवाच्य में कर्म की प्रधानता होती है। कर्ता के साथ ‘से’ प्रत्यय जाडेकर क्रिया का भूतकाल रूप के साथ ‘करना’ क्रिया के उचित रूप का प्रयोग होता है।
प्रश्ना 6.
हिमालयी अंचल के लोग प्राकृति से तालमेल रखकर जीवन बिताते हैं। यदि हम प्रकृति के साथ विनाशकारी हस्तक्षेप करें तो क्या-क्या मुसीबतें होंगी?

उत्तर:
मानव के अनियंत्रित हस्तक्षेप के कारण प्रकृतिक संसाधनों पर ज़्यादा असर होता है। प्रकृति के शोषण एवं स्रोतों के नशीकरण से प्राकृतिक संसाधनों पर बुरा असर पड़ता है। ऋतुचक्र में बदलाव आ जाता है। तेज़ गर्मी एवं ठंड इसीका परिणाम है। जनजीवन असहनीय बन जाता है। पेडों के काटने से जंगल नहीं के बराबर होते हैं। जीवजंतुएँ जंगल से निकलकर गाँव की ओर आ जाते हैं। भूकंप, हिम झंझावत, बाढ़, सूखा आदि प्रकृति शोषण के फलस्वरूप होते हैं।
बसंत मेरे गाँव का Orakkum Questions and Answers
गतिविधि -1
सूचना : संबंध पहचानें और सही मिलान करें।
| पाँच बर्फानी चोटियाँ | फूलदेई |
| चार शिसर | फ्योंली |
| पीले फूल | पंचाचूली |
| सीढ़ीनुमा | औजी |
| बच्चों का त्योहार | चौखंभा |
| बाँस की एक प्रजाति | खेत |
| चैती गीत गानेवाले | रिंगाल |
उत्तर:
| पाँच बर्फानी चोटियाँ | पंचाचूली |
| चार शिसर | चौखंभा |
| पीले फूल | फ्योंली |
| सीढ़ीनुमा | खेत |
| बच्चों का त्योहार | फूलदेई |
| बाँस की एक प्रजाति | रिंगाल |
| चैती गीत गानेवाले | औजी |
गतिविधि -2
सूचना : बसंत मेरे गाँव का’ लेख का यह अंश पढ़े और अनुबद्ध प्रश्नो के उत्तर लिखें।
बंसत फूलदेई का त्योहार लेकर आता हैं। देर शाम तक बच्चे फूल चुनते हैं। इन फूलों को रिंगाल से बनी खास तरह की टोकरियों में रखा जाता हैं। टोकरियों को रात भर पानी से भरी गागरों के ऊपर रख जाता है ताकि वो सुबह तक मुरझा न पाएँ।
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प्रश्ना 1.
फूलदेई को बच्चों का त्योहार क्यों कहा गया है?
उत्तर:
इस त्योहार में सारे काम बच्चे करते हैं। बडों की भूमिका केवल सलाह देना है। इसलिए फूलदेई बच्चों का त्योहार कहा गया है।
प्रश्ना 2.
फूलदेई के अवसर पर उत्तराखंड पर्यटन विभाग इसका प्रचार करते हैं। फूलदेई त्योहार से संबंधित पोस्टर तैयार करें।
उत्तर:

गतिविधि – 3
सूचना : ‘बसंत मेरे गाँव का’ लेख का यह अंश पढ़ें और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
वे जानवरों के साथ-साथ कीड़ाजड़ी, करण और च्यूर जौसी दुर्लभ हिमालयी जड़ी व औषधियाँ भी बेचते हैं। इन गांवों से इनका सादियों का रिश्ता हैं, इसलिए उसी वक्त पूरी कीमत चुकाना ज़रूरी नहीं होता। बर्फीले मौसम में निचले इलाकों की ओर जाते वक्त पुरानी वसूली की जाती है। मज़े की बात हैं कि नकत-उधार के आंकड़े कहीं दर्ज नहीं होते।
प्रश्ना 1.
पशुचारकों की पुरानी वसूली कब की जाती हैं?
उत्तर:
बर्फीले मौसम में निचले इलाकों की ओर जाते समय पुरानी वसूली की जाती हैं।
प्रश्ना 2.
‘इनका’ – में निहित सर्वनाम कौन – सा हैं?
उत्तर:
ये
प्रश्ना 3.
‘नकद-उधार के आँकड़े कहीं दर्ज नहीं होते’ आपसी विश्वास के आधार पर सादियों से चली आ रही इस सिलसिले पर एक रपट तैयार करें।
उत्तर:
यहाँ नकद – उधार के आँकड़े कहीं दर्ज नहीं होता। उत्तराखड़ मकर संक्रांति से सूरज तपने के कारण गंगा में पानी की धारा तेज़ हो जाती हैं। उस समय यहाँ के हिमालय अंचल में ठंड के मौसम में बर्फीले इलाकों से निचले इलाकों में उतरे पशुचारक वापस घरों को लौटने लगते हैं। रास्ते में आनेवाले गाँवों से उनका लेन-देन भी होता हैं। गाँवों से इनका सादियों का रिश्ता है, इसलिए उसी वक्त पूरी कीमत चुकाना ज़रूरी ही। बर्फीले मौसम में निचले इलाकों की ओर जाते वक्त पुरानी वसूली की जाती है। मज़े की बात है कि नकद-उधार के आंकडे कहीं दर्ज नहीं होते। आपसी विश्वास के दम पर वर्षों से यहाँ ये लेन-देन चल रहा है।
गतिविधि – 4
सूचनाः ‘बसंत मेरे गाँव का’ लेख का यह अंश पढ़ें और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
सूरज जब चौखंभा पर्वत के पीछे से उदय होने लगता है तब जेठ शुरू हो जाता है। पहाड़ की सड़कें गाड़ियों से भर जाती हैं। अपने घर की छत से जब में बद्रीनाध यात्रा-मार्ग की भीड़ देखता हूँ तो भूल जाता हूँ कि महज दो महीने पहले यह घाटी एकदम शांत थी।
प्रश्ना 1.
संबंध पहचानें और सही मिलान करें।
| दो महीने पहले | जेठ शुरू हो जाता है। |
| घर की छत से | गाड़ियों से भर जाती है। |
| पहाड़ियों की सड़कें | घाटी एकदम शांत थी। |
| चौखंभा पर्वत के पीछे से सूर्योदय होने लगता हैं। | में भीड़ देखता हूँ। |
उत्तर:
| दो महीने पहले | घाटी एकदम शांत थी। |
| घर की छत से | में भीड़ देखता हूँ। |
| पहाड़ियों की सड़कें | गाड़ियों से भर जाती है। |
| चौखंभा पर्वत के पीछे से सूर्योदय होने लगता हैं। | जेठ शुरू हो जाता है। |
प्रश्ना 2.
नमूने के अनुसार वाक्य बदलकर लिखें।
जेठ शुरू हो जाता हैं।
जेठ शुरू हो जाएगा।
सड़कें गाड़ियों से भर जाती हैं। …………………..
उत्तर:
| जेठ शुरू हो जाता हैं। | जेठ शुरू हो जाएगा। |
| सड़कें गाड़ियों से भर जाती हैं। | सड़कें गाड़ियों से भर जाएँगी। |
गतिविधि – 5
सूचनाः ‘बसंत मेरे गाँव का’ पाठ के ये वाक्य पढ़ें।
1. सूरज अब नंदा पर्वत से चौखंभा पर्वत की ओर बढ़ने लगता है।
2. पशुचारक वापस घरों को लौटने लगते हैं।
3. बुरांस के फूल पहाड़ों पर शानदार लालिमा बिछा देते हैं।
4. गंगा में पानी की धारा तेज़ हो जाती है।
5. सीली सडक में हलचल बढ़ जाती है।
6. पहाड़ की सड़कें गाड़ियों से भर जाती हैं।
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प्रश्ना 1.
प्रत्येक वाक्य के रेखांकित क्रिया रूपों का सीध संबंध वाक्य के किस शब्द से हैं?
उत्तर:
वर्तमान काल के वाक्यों में कर्ता के लिंग, वचन के अनसार क्रिया रूप बनता हैं। इसके लिए ता है, ते है, ती है, ती हैं, ता हूँ, ती हूँ, ते हो, ती हो आदि क्रिया पूरकों का प्रयोग करता है।
बसंत मेरे गाँव का Additional Questions and Answers
बसंत मेरे गाँव का आशयग्रहण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
फूलदेई के त्योहार के सिलसिले में बच्चे पहले क्या किया करते हैं?
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उत्तर:
बच्चे देर शाम तक फूल चुनते हैं और इन फूलों को रिंगाल से बनी खास तरह की टोकरियों में रखते हैं।
प्रश्ना 2.
फूलों को ताज़ा रखने के लिए क्या करते हैं?
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उत्तर:
फूलों को रिंगाल की टोकरियों में रखा जाता है। टोकरियों को रात पानी से भरी गागरों के ऊपर रखा जाता है।
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प्रश्ना 3.
फूलदेई त्योहार के दिन सुबह से बच्चे क्या करते हैं?
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उत्तर:
बच्चे टोलियाँ बनकर गाँव-भर घूमते हैं। पिछली शाम चुने फूलों को घरों की देहरियों पर सजाते हैं।
प्रश्ना 4.
घरवाले बच्चों को क्या देते हैं?
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उत्तर:
घरवाले बच्चों को चावल, गुड़, दाल आदि देते हैं।
प्रश्ना 5.
दक्षिणा में मिली चीज़ों से क्या करते हैं?
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उत्तर:
दक्षिणा में मिली चीज़ों को पूरे इक्कीस दिन तक इकट्ठा की जाती है। अंतिम दिन इकट्ठी की गई सामग्री से सामूहिक भोज बनाया जाता है।
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प्रश्ना 6.
चैती गीत क्या है? उसकी विशेषता क्या है?
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उत्तर:
चैती उत्तराखंड का चैत माह पर केंद्रित लोकगीत है। इन गीतों में पांडवों की हिमालय यात्रा के किस्से होते हैं और पहाड़ के वीरों की शौर्य गाथाएँ भी शामिल होती है।
प्रश्ना 7.
बदलती ऋतुएँ और पशुचारकों के ज़िंदगी में क्या संबंध है?
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उत्तर:
ठंड के मौसम में पशुचारक बर्फीले इलाकों से निचले इलाकों में उतर आते हैं। महीनों तक फैले चराहगाहों, घने जंगलों और अनजान बस्तियों में भटकते हैं। पशुचारकों के साथ उनके पालतू जानवर भी होते हैं। गर्मियों के दिन के आने पर वे वापस घरों को लौटने लगते हैं। यह खुशी उत्सव का माहौल रचती है। वे गीत गाते हैं नाचते हैं।
प्रश्ना 8.
रास्ते के गाँववालों का पशुचारकों के जीवन में क्या स्थान है?
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उत्तर:
गाँवालों से पशुचारकों का लेन-देन होता रहता है। वे जानवर, दुर्लभ हिमालय जड़ी व औषधियाँ बेचते हैं। इन गाँववालों से उनका सदियों का रिश्ता है। इसलिए उधार में भी व्यापार चलता है। अगले साल ठंड के मौसम में इसकी वसूली की जाती है।
प्रश्ना 9.
जेठ की शुरूआत पर गाँव में कौन-सा परिवर्तन आता है?
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उत्तर:
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की ओर आनेवाले यात्रियों की गाड़ियों से सड़कें भर जाती हैं। घाटी की शांत वातावरण बदल जाता है।
बसंत मेरे गाँव का Summary in Malayalam and Translation






बसंत मेरे गाँव का शब्दार्थ
