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Kerala State Syllabus 8th Standard Hindi Solutions Unit 1 Chapter 2 ज्ञानमार्ग (एकांकी)
ज्ञानमार्ग पाठ्यपुस्तक के प्रश्न और उत्तर
प्रश्ना 1.
हर राजकुमार अपने को बड़ा ज्ञानी मानता है। असल में बड़ा ज्ञानी कौन है?
उत्तर:
सच्चे ज्ञानी के मन में अहंकार नहीं होता। वह हमेशा ज्ञान पाने की कोशिश करता रहता है। वह अपने ज्ञान को सदा अपूर्ण समझता है।
प्रश्ना 2.
‘गुरुजी, हम लोग संकट में पड़ गए हैं।’ राजकुमार क्यों संकट में पड़े? ।
उत्तर:
राजकुमार अपने ज्ञान पर मदांध हो गए। उन्होंने अपने ज्ञान का सदुपयोग नहीं किया। यह उनके संकट में पड़ने का कारण बन गया।
ज्ञानमार्ग Text book Activities
प्रश्ना 1.
‘ज्ञानमार्ग’ एकांकी का मंचन होनेवाला है। इसके लिए एक पोस्टर तैयार करें।
उत्तर:
ज्ञानमार्ग दोस्तों के प्रस्तुतीकरण में
उचित चौकोर में ✓लगाएँ।
रंगमंच:
उचित रंग सज्जा है।
सामग्रियों का उचित प्रयोग है।
पात्र:
वेषभूषा पात्रानुकूल है।
चाल-चलन उचित है।
हाव-भाव स्वाभाविक है।
अन्य पात्रों से और प्रसंग से तालमेल है।
कथोपकथन:
संवाद स्पष्ट व श्रव्य है।
संवाद प्रस्तुति स्वाभाविक है।
प्रश्ना 1.
वाक्य पढ़ें, रेखांकित शब्दों पर ध्यान दें
मैं मंत्र पढ़ता हूँ।
क्या, तुम इसमें प्राण भी डाल सकते हो?
प्रश्ना 2.
चर्चा करें।
प्रत्येक वाक्य के रेखांकित शब्दों का आपसी संबंध क्या है?
पाठ भागों से ऐसे वाक्य चुनें और लिखें।
उदाहरण :
1. मैं बहुत चतुर नहीं हूँ।
2. मैं हर चीज़ को सीखना चाहता हूँ।
3. माफ़ी चाहता हूँ
4. मैं तो हमेशा ही सीखता हूँ।
5. पगड़ी तुम रख लो और खुद पढ़ो…।
6. मैं तुम दोनों से बड़ा हूँ।
7. तुम दोनों मेरे आगे मूर्ख हो।
8. मैं तुम सबसे बड़ा विद्वान हूँ।
9. मैं जानता हूँ।
प्रश्ना 3.
ज्ञान का मतलब :
i. हरेक में कुछ न कुछ ज्ञान है।
ii. ज्ञान बाहरी दिखावा नहीं है।
iii. ज्ञान सबकी भलाई के लिए है।
iv. अहंकार से ज्ञान असफल होता है।
“जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता।”
— महात्मा गाँधी
“उस ज्ञान का कोई लाभ नहीं जिसे आप काम में नहीं लाते।”
— एंटन चेखोव
प्रश्ना 1.
ज्ञान से संबंधित उक्तियों का संकलन करें।
उत्तर:
1. केवल ज्ञान ही एक ऐसा अक्षय तत्व है, जो कहीं भी, किसी अवस्था और किसी काल में भी मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता।
2. यदि कोई अपने धन को ज्ञान अर्जित करने में खर्च करता है तो उससे उस ज्ञान को कोई नहीं छीन सकता, ज्ञान के लिए किए गए निवेश से हमेशा अपना और दूसरों का भलाई होता है।
3. ज्ञान एक कामधेनु के समान है जो हर मौसम में अमृत प्रदान करती है। इसलिए ज्ञान को एक गुप्त धन कहा गया है। (आचार्य चाणक्य)
4. ज्ञान अगर बुद्धि में रहे तो बोझ बनता है और जब व्यवहार में आ जाए तो आचरण बनता है।
5. ज्ञान ज्ञान नहीं रह जाता जब वह इतना अभिमानी हो जाए कि रो भी ना सके, इतना गंभीर हो जाए कि हंस भी ना सके और इतना स्वार्थी हो जाए कि अपने सिवा किसी और का अनुसरण न कर सके।
ज्ञानमार्ग Summary in Malayalam and Translation
ज्ञानमार्ग शब्दार्थ Word meanings