You can Download गुठली तो पराई है Questions and Answers, Summary, Activity, Notes, Kerala Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 5 Chapter 2 help you to revise complete Syllabus and score more marks in your examinations.
Kerala State Syllabus 10th Standard Hindi Solutions Unit 5 Chapter 2 गुठली तो पराई है (कहानी)
गुठली तो पराई है Text Book Questions and Answers
गुठली तो पराई है विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्ना 1.
‘यूँ तो बड़ी बुआ गुठली को अच्छी लगती हैं। पर उनसे बात करना उसे कुछ खास पसंद नहीं।’ क्यों?
उत्तर:
बुआ हमेशा नसीहतें देती रहती हैं। हर बात में मनाही करती रहती है। कहती है कि गुठली पराए घर की अमानत है। इसी कारण से गुठली बुआ से बातें करना नहीं चाहती।
Mera Bachpan 10th Hindi Lesson NotesGudali tho Parai haiप्रश्ना 2.
‘अरी बेवकूफ़ यह घर तो पराया है’ बुआ गुठली से ऐसा क्यों कहती हैं?
उत्तर:
इस संस्कृति को माननेवाली है। इसलिए बुआ यह कहती हैं।
प्रश्ना 3.
लगा उसे जैसे उसके पैरों के नीचे से ज़मीन खींच ली गई हो। गुठली को ऐसा क्यों लगता है?
उत्तर:
बुआ गुठली से कहती है कि गुठली का अपना घर उसका नहीं पराया है। उस समय वह अपनी . माँ की ओर देखती है। लेकिन माँ बुआ की बातों से हामी भरती है। माँ भी उसे पराई मानती है। यह सच्चाई जानकर गुठली को लगा कि अपने पैरों के नीचे से ज़मीन खींच ली गई है।
प्रश्ना 4.
‘पर ताऊजी उसमें भैया के छोटे-से बेटे का भी नाम है जो अभी बोल भी नहीं सकता तो मेरा…।’ – यहाँ कौन-सी सामाजिक अव्यवस्था की झलक मिलती है?
उत्तर:
यहाँ लड़के-लड़की भेदभाव की ओर संकेत है। हमारे परिवार पुरुष केंद्रित हैं। आज भी परिवारों में लड़कों को बड़ा स्थान मिल रहा है। लड़कियों से ऐसा व्यवहार करते हैं कि वह दूसरे घर में व्याहकर जानेवाली है। इसी कारण से लड़कियाँ कई बातों से वंचित रह जाती हैं। इस सामाजिक अव्यवस्था की ओर यहाँ संकेत है।
गुठली तो पराई है Text Book Activities & Answers
गुठली तो पराई है अभ्यास के प्रश्न
प्रश्ना 1.
पढ़ें, ये वाक्य किसकी ओर इशारा करते हैं? इसकी आपकी राय क्या है?
i. ‘अरी बेवकूफ़ यह घर तो पराया है। बाकी लड़कियों की तरह तू भी किसी और की अमानत है। ससुराल ही तेरा असली घर होगा। जैसे देख, पैदा तो मैं भी इसी घर में हुई थीं, पर अब तेरे फूफाजी का घर ही मेरा घर है। कुछ समझी?”
ii. “भूला नहीं है रे… अपने घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते।”
उत्तर:
ये वाक्य लड़की-लड़के के भेदभाव की ओर संकेत करते हैं। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों के प्रति भेदभाव रखना बिलकुल अनुचित है। लड़कियों को भी लड़कों जैसे अधिकारों का हक है।
प्रश्ना 2.
पढ़ें।
उत्तर:
जोधपुर
12 दिसंबर 2017, मंगलवार
प्रिय मुन्नी,
नमस्कार । तुम कैसी हो? सोचता हूँ खुश है। मैं एक बात बताने के लिए यह चिट्ठी लिख रही हूँ। अपने घर के लोग मुझे पराए घर की चीज़ मानते हैं। बुआ, माँ सब यही बीचबीच में कहती रहती है। यह क्या सही है। क्या हमें अपने भाइयों की तरह अपने घर में रहने का अधिकार नहीं। ये लोग ऐसा क्यों है?
मुझे लगता है ये लोग पुरुष केंद्रित समाजिक व्यवस्था को छोड़ना नहीं चाहते हैं। हमें इसके विरुद्ध आवाज़ उठानी है। मैं अपने घर में काम करना बंद किया है। अगर घर । भाइयों का है तो घर का काम भी वे करें। सोचती हूँ तुम्हारे मात-पिता भी सकुशल हैं। उनको मेरा नमस्कार कहना।
सेवामें
मुन्नी
10/215, गुलाब एनक्लेव
गाँधीमार्ग, इलाहाबाद।
तुम्हारी सहेली
गुठली।
प्रश्ना 3.
उत्तर:
1. पत्र-पत्रिकाओं में लिख सकते हैं।
2. कहानियाँ लिख सकते हैं।
3. कविता रच सकते हैं।
4. चित्र प्रदर्शनी चला सकते हैं।
5. लोगों में अवबोध जगाने के लिए पोस्टर वगैरह तैयार कर सकते हैं।
गुठली तो पराई है Orakkum Questions and Answers
गतिविधि -1
सूचनाः ‘गुठली तो पराई है’ कहानी का अंश पढ़ें और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें।
“ऐसा मत करो”, “ऐसे पट-पट मत बोलो”, “ऐसे धम-धम मत चलो…” एक दिन गलती से उसने पूछ ही लिया, “क्यों?” तो बस शुरु हो गई, “अरे छोरी, लोग नाम तो तेरी माँ को ही रखेंगे। कहेंगे कुछ सिखाया ही नहीं। ऐसे ही करेगी क्या अपने घर जाकर ? गुठली बोली, “अपना घर? यही तो है मेरा घर, जहाँ मैं पैदा हुई।”
प्रश्ना 1.
‘लोग नाम तो तेरी माँ को ही रखेंगें – यहाँ रखेंगे’ क्रिया का रूपायन किस शब्द के आधार पर हैं? (नाम, लोग, माँ)
उत्तर:
लोग
प्रश्ना 2.
कहानी में किसका संकेत है?
क. वर्तमान समाज में स्त्री-पुरुष में समता हैं।
ख. वर्तमान समाज में स्त्री-पुरुष समता का अभाव हैं।
ग. वर्तमान समाज स्त्रीयों को पुरुषों के समान ही देखता हैं।
उत्तर:
वर्तमान समाज में स्त्री-पुरुष समता का अभाव है।
प्रश्ना 3.
कहानी के उपर्युक्त अंश के आधार पर पटकथा का एक दृश्य लिखें।
उत्तर:
गतिविधि -2
सूचनाः ‘गुठली तो पराई’ कहानी का अंश पढ़ें और अनुबद्ध प्रश्नों के उत्तर लिखें। ।
जैसे-तैसे पूजा-पाठ के बाद कार्ड हाथ में आया तो गुठली का मूंह उतर गया। वह ताऊजी के पास जाकर बोली, देखिए भइया मेरा नाम कार्ड में छपवाना भूल गया? ताऊजी बोले, “भूला नहीं है रे… अपने घर की छोरियों के नाम कार्ड पर नहीं छपते।” गुठली, “पर उनमें भइया के छोटे-से बेटे का भी नाम है जो अभी बोल भी नहीं सकता तो मेरा.
Gudli प्रश्ना 1.
यहाँ ‘मुँह उतर गया’ – का मतलब क्या हैं? (उदास हो गई, खुश हो गई, नाराज़ होई)
उत्तर:
उदास हो गई।
प्रश्ना 2.
गुठली दुखी हुई थी। वह अपने मन की बातों को पत्र के ज़रिए सहेली से बताना चाहती हैं। सहेली के नाम गुठली का पत्र कल्पना करके लिखें।
उत्तर:
स्थान
तारीख
प्रिय मित्र,
नमस्कार। तुम कैसी हो? खुशी हैं न? मैं यहाँ कुशाल से हूँ। कई दिनों से मैं तुझे एक पत्र लिखना चाहती हूँ। क्या हमारे समाज में लडका लडकी एक समान नहीं हैं? लडकालडकी का समान अधिकार है न? मेरी बुआ मुझसे कहती हैं। जिस घर में मेरा जन्म हुआ वह मेरा घर नहीं। घर की लडकी तो और किसी की अमानत हैं। ससुराल ही मेरा असली घर होगा आदि। बुआ का उपदेश मैं न सकती, जैसे – ऐसा मत करो गुठली, ऐसे धम-धम मत चलो। पट-पट मत बोलो। यह सब मुझे बुरा लगती हैं। हम लडकियों से घर में इतना भेदभाव क्यों? लडकों को कोई रोकटोक नहीं। ऐसा क्यों? दीदी की शादी के कार्ड पर मेरा नाम नहीं छपवाया। पर भैया के छोटे बच्चे का नाम भी छपवाया है। इससे मैं बहुत दुखी हूँ। हमारे समाज में लडकियों को कोई स्थान नहीं? इसके विरुद्ध जरूर आवाज़ उठाना हैं। क्या तुम भी मेरे साथ होगी?
सेवा में
नाम
पता
तुम्हारा मित्र
हस्ताक्षर
गुठली
गुठली तो पराई है Additional Questions and Answers
गुठली तो पराई है आशयग्रहण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
उत्तर:
जीवन में बचपन बार-बार नहीं आता। गुज़रते समय कभी वापस नहीं आता। इसलिए वर्तमान में जी भर कर जीने के लिए माँ कहती हैं। भविष्य के संबंध में आशंकित होकर जीने की ज़रूरत नहीं।
गुठली तो पराई है Summary in Malayalam and Translation
गुठली तो पराई है शब्दार्थ