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Kerala State Syllabus 9th Standard Hindi Solutions Unit 1 Chapter 3 पक्षी और दीमक (कहानी)
पक्षी और दीमक Textual Questions and Answers
पक्षी और दीमक विश्लेषणात्मक प्रश्न
प्रश्ना 1.
पक्षी अपने पंख देकर दीमक लेता है। यहाँ पक्षी का कौन-सा मनोभाव प्रकट होता है?
उत्तर:
नौजवान पक्षी को अपने भविष्य और अस्तित्व के संबंध में कोई चिंता नहीं है। कोई मेहनत किए बिना, आसानी से मिलनेवाले भोजन से संतुष्ट होने का मनोभाव उसमें है।
प्रश्ना 2.
‘दीमकें हमारा स्वाभाविक आहार नहीं है, और उनके लिए अपने पंख तो हरगिज़ नहीं दिए जा सकते।’-इस कथन के आधार पर वर्तमान संस्कृति का विश्लेषण करें।
उत्तर:
यहाँ हमारी खाद्य संस्कृति की ओर संकेत किया गया है। हम अपने स्वाभाविक आहार को छोड़कर फास्टफुड़ संस्कृति के पीछे भाग रहे हैं। शुरु में बड़ी रसीली लगेगी। लेकिन अंतिम परिणाम भयानक होगा।
प्रश्ना 3.
पक्षी को बेवकूफ़ कहने के संबंध में आपकी राय क्या है?
उत्तर:
यह बिलकुल सही है। यह पक्षी प्रलोभन में फंसकर अपना अस्तित्व खोता है। अंत में वह अपना अस्तित्व वापस लेने का प्रायास तो करता है। तब तक उसका सब कुछ नष्ट हो जाता है। पक्षी का व्यवहार बेवकूफ़ी ही है।
पक्षी और दीमक Text Book Activities
पक्षी और दीमक अभ्यास के प्रश्न
प्रश्ना 1.
नमूने के अनुसार कहानी के प्रसंगों को चुनकर लिखें।
उत्तर:
व्यवहार | प्रसंग |
अलसतापूर्ण कार्य करना। | नौजवान पक्षी को लगा- यह बहुत बड़ी सुविधा है कि एक आदमी दीमकों को बौरों में भरकर बेच रहा है। |
तात्कालिक लाभ के लिए अस्तित्व नष्ट करना। | गाड़ीवाले को एक पंख देकर, दो दीमकें खरीद लेता। |
बड़ों की बातों को बिना सझ-बझ के धिक्कारना। | नौजवान पक्षी ने बड़े ही गर्व से अपना मुँह दूसरी ओर कर लिया। |
प्रलोभन में पूरी तरह फँस जाना। | अब उसे न तो दूसरे कीड़े अच्छे लगते, न फल, न अनाज के दाने। दीमकों का शौक अब उसपर हावी हो गया था। |
अपनी गलतियों पर सफ़ाई खोजना। | उसने सोचा कि आसमान में उड़ना ही फिजूल है। वह मूखों का काम है। |
खोए हए अस्तित्व को फिर से पाने की कोशिश करना। | वह खूब मेहनत से ज़मीन में से दीमकें चुन-चुनकर, खाने के बजाय, उन्हें इकट्ठा करने लगा। |
धोखेबाजी को पहचानकर निराश होना। | गाड़ीवाला चला गया। पक्षी छटपटाकर रह गया। |
प्रश्ना 2.
‘पक्षी और दीमक’ कहानी में ये किन-किन का प्रतिनिधित्व करते हैं?
उत्तर:
गाड़ीवाला | पक्षी | दीमक | पंख | बिल्ली |
व्यापारी / उद्योगपति | नौजवान | प्रलोभन | अस्तित्व | शोषक |
प्रश्ना 3.
आज के ज़माने में ‘पक्षी और दीमक’ कहानी की प्रासंगिकता कहाँ तक है? चर्चा करके टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
अस्तित्व बनाए रखने की माँग करनेवाली कहानी : पक्षी और दीमक
मुक्तिबोध से लिखी गई प्रसिद्ध कहानी है ‘पक्षी और दीमक’। इसमें एक नौजवान पक्षी अपना पंख देकर दीमक खरीदकर खाने लगता है। अपने माता-पिता के उपदेश तक को वह सुनता नहीं है। अंत में पंख सब नष्ट होने पर वह चटपटाता है। दीमकों को इकटठा करके, उसके बदले व्यापारी से पंख वापस लेने का विफल प्रयास वह करता है। लेकिन वह धोखा खाता है।
अंत में वह एक काली बिल्ली से पकड़ा जाता है। ऊपर से देखने पर यह एक फांटसी-सा लगता है। लेकिन कहानी की गहराई पर जाते वक्त हम समझ सकते हैं कि यह फांटसी नहीं, बल्कि वर्तमान वास्तविकता है। आजकल कार्परेट हमें लूट रहे हैं। विज्ञापन के ज़रिए हमारे सामने कई प्रलोभन प्रस्तुत करते हैं। हम नौजवान बिना सोचे-समझे उसमें फँस जाते हैं। अंत में हम अपना अस्तित्व खोते हैं। जब हम अपनी गलती समझते हैं, तब तक सब कुछ नष्ट हो जाता है। आज के ज़माने में यह कहानी बिलकुल प्रासंगिक है।
प्रश्ना 4.
पक्षी की चरित्रगत विशेषताओं का विश्लेषण करें। टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
‘पक्षी और दीमक’ का पक्षी आलसी स्वभाव का है। परिश्रम के बिना भोजन पाने का इच्छुक है। इसी कारण से वह जल्दी व्यापारी के प्रोलोभन में फँस जाता है। पंख निकालकर देने में उसे दर्द है। पर भी अपनी अलसता के कारण उसने उस दर्द को सह लिया। सब कुछ खोने पर वह अपनी गलती समझता भी है। लेकिन तब तक उसका अस्तित्व नष्ट हुआ था।
प्रश्ना 5.
पक्षी और दीमक’ कहानी को फ़िल्माने के लिए पटकथा तैयार करें।
उत्तर:
दृश्य – 1 : सबेरे का आकाश
तीन पक्षी बात करते हुए उड़ रहे हैं।
एक पक्षी : देखो उड़ते-उड़ते हम बहुत ऊपर आ गए!
दूसरा पक्षी : नीचे देखो, सब कुछ छोटा-छोटा!
तीसरा पक्षी : देखो, एक बैलगाड़ी चल रही है।
दूसरा पक्षी : मुझे कुछ दिखता नहीं।
तीसरा पक्षी : मैं जाकर देखू। (उड़ते हुए नीचे जाता है)
दृश्य – 2 : सड़क। सबेरा।
किनारे के पेड़ के डाल पर तीसरा पक्षी आ बैठता है। सड़क से गाड़ीवाला बैलगाड़ी लेकर आता है। बैलगाड़ी में भरे बोरों में दीमकें हैं। गाड़ीवाले की ‘दीमकें ले लो… दीमकें ले लो…’ की आवाज़ सुनती रहती है। पक्षी और गाड़ीवाला बात करते हैं।
गाड़ीवाला : दीमकें ले लो… दीमकें ले लो…
पक्षी : ओ गाड़ीवाले दीमकों का क्या भाव है?
गाड़ीवाला : एक पर दे दो, मैं दो दीमकें दे दूंगा।
पक्षी : पर!
गाड़ीवाला : हाँ, पर। यह दीमक तो बहुत स्वादिष्ट है। चाहे तो ले लो।
पक्षी : ठीक है, गाड़ीवाले। लो एक पंख। दो दीमकें दो।
(पक्षी कठिनाई से पर तोड़कर गाड़ीवाले को देता है और दो दीमकें लेकर उड़ जाता है)
पक्षी और दीमक Grammar
पक्षी और दीमक व्याकरण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
इसपर विचार करें:
रेखांकित शब्दों पर ध्यान दें ये शब्द कैसे बने हैं? क्या इनका विभाजन संभव है? तो कैसे?
उत्तर:
प्रश्ना 2.
पूरी इकाई से एक बार और गुज़रें। ऐसे परसर्गयुक्त सर्वनामों को पहचानें।
उत्तर:
पक्षी और दीमक Additional Questions and Answers
पक्षी और दीमक आशयग्रहण के प्रश्न
प्रश्ना 1.
नौजवान पक्षी को कौन-सी बात बड़ी सुविधा लगी?
उत्तर:
नौजवान पक्षी को बड़ी सुविधा लगी कि एक आदमी दीमकों को बोरों में भरकर बेच रहा है।
प्रश्ना 2.
अपनी चोंच से एक पर को खींचकर तोड़ने में उसे तकलीफ होती है। लेकिन उसे वह बरदाश्त कर लेता है’ -पक्षी द्वारा अपनी तकलीफ को बरदाश्त करने का कारण क्या होगा?
उत्तर:
वह नौजवान पक्षी स्वभाव से आलसी है। वह जल्दी ही गाड़ीवाले के प्रलोभन में फँस गया।
पक्षी और दीमक Summary in Malayalam and Translation
पक्षी और दीमक शब्दार्थ