Practicing with SCERT Kerala Syllabus 10th Standard Hindi Notes Pdf Download Unit 1 Chapter 1 खिड़की Khidki Questions and Answers Notes improves language skills.
Class 10 Hindi Khidki Question Answer Notes
खिड़की Question Answer Notes
SCERT Class 10 Hindi Unit 1 Chapter 1 खिड़की Notes Question Answer
प्रश्न 1.
ए सी के बजाय जनरल कोच से सफर का आनंद लेना – इसका मतलब क्या हो सकता है ?
(ഓരോ വിദ്യാർത്ഥിയും അവരവരുടെ കാഴ്ച പ്പാടിൽ ഉത്തരം എഴുതേണ്ട ചോദ്യമാണിത്)
ഒരു മാതൃക നോക്കാം.
उत्तर :
पति अकसर ए सी कोच में यात्रा करता है। कोच ए सी हो या जनरल, अपनी विशेषता होती है। वह इस बार जनरल कोच की विशेषताएँ समझना और उसका आनंद लेना चाहता है।
प्रश्न 2.
युवति का गला रुँध जाने का कारण क्या हो सकता है?
उत्तर :
युवति प्रत्येक शॉल के लिए अढाई सौ रुपए माँगती है। दोनों में तोल-मोल होता है और पत्नी सिर्फ सौ रुपए देना चाहती है। यह सुनकर उसे दुख हुआ और गला रुँध गया।
प्रश्न 3.
” वो एक बार में ही डेढ सौ में मान गई । गलती की, थोडा तोल-मोल और करना चाहिए था ! “इस कथन से लोगों के किस मनोभाव का परिचय मिलता है ?
उत्तर :
मनुष्य बहुत कम कीमत पर चीजें पाना चाहता है अत: यह भी एक स्वाभाविक विचार है। युवती यदि एकाएक डेढ सौ में नहीं मानती तो ऐसा विचार नहीं होता।
प्रश्न 4.
उनकी आँखों में भी वही नमी थी, जो आज उस युवती की आँखों में थी । कहानी के पात्र (पति) के पिताजी और उस युवती में कौन-सी समानता हो सक्ती है ?
उत्तर :
दोनों रेलगाड़ी में सामान बेचनेवाले । प्रत्येक दिन, मन की यह चिंता होगी कि आज कुछ बिकेगा कुछ फायदा मिलेगा…..? मन की इस तनाव का असर शरीर पर भी प्रकट होगा। यह समानता दोनों में हो सकती है।
गतिविधियाँ
कहानी पढ़ें और रिक्त स्थान की पूर्ति करें ।
उत्तर :
नमूने के अनुसार वाक्यों को बदलकर लिखें ।
उत्तर :
शादी का बुलावा आया | शादी का बुलावा आया था। |
पत्नी बातों में मशगूल हो गई । | पत्नी बातों में मशगूल हो गई थी। |
लड़का बेंच पर बैठा । | लड़का बेंच पर बैठा था । |
मीनू बाज़ार की ओर चली । | मीनू बाज़ार की ओर चली थी । |
युवती शॉल बेचने आई। | युवती शॉल बेचने आई थी। |
मैंने पत्नी को इशारा किया। | मैंने पत्नी को इशारा किया था । |
रेलगाडी के अनुभव ने पति को अपने पिता की याद दिलाई। उसकी डायरी लिखें।
उत्तर :
तारीख.
दिन
शादी में भाग लेना था होशियारपुर में | परिवार के साथ निकला। इस बार का सफर जनरल कोच में था । एक युवती शॉल बेचने आई, रंग बिरंगी शॉलों का भारी गठर था उसके पास। उसने पत्नी से बातें कीं, प्रत्येक शॉल के लिए अढाई सौ रुपए माँगे । दोनों तोल-मोल करने लगीं। अंत में बिक्री 150 रुपए पर तय हुई | पत्नी ने 5 पीस ले लीं। मुझसे 750 रुपए लेकर युवती चली गई। तोल-मोल के बीच पत्नी ने कहा – ” एक पीस के लिए सौ रुपए । ”
” सौ तो बहुत कम है दीदी” – यह कहते हुए उसकी आँखें भर गई थीं। यह देखकर मुझे पिताजी की याद आई। वे भी रेलगाडी में सामान बेचते थे। जब वे थके- हारे घर आते, तो उनकी आँखों में भी वही नमी थी, जो उस युवती की आँखों में थी ।
कहानी की खिड़की अनेक आशयों का सूचक है। समझाएँ ।
उत्तर :
घर हो या वाहन, खिड़कियों का महत्व है। बच्चे ही नहीं बुजुर्ग भी खिड़की के पास बैठकर गाडियों में सफर करना चाहते हैं। बाहर के खूबसूरत नज़ारे देखकर यात्रा करना आनंददायक है । श्रीमती अंजू खरबंदा ने अपनी लघुकथा का नाम ‘खिडकी’ दिया है । कहानी का मुख्य पात्र जब रेलगाडी की खिड़की से दूर देख रहा था तो उसे अतीत की याद आई। यही विचार कहानी का चरमोत्कर्ष (climax) है।
कहानी के लिए और एक शीर्षक सुझाएँ । उसका औचित्य भी बताएँ ।
उत्तर :
‘खिड़की’ എന്ന കഥയ്ക്ക് മറ്റൊരു പേര് നിർദ്ദേ ശിക്കുവാനും അതിന്റെ ഔചിത്യമെന്താണെന്ന് പറയുവാനുമാണ് നിർദ്ദേശം. കഥ വായിച്ചു മന സ്സിലാക്കിയ സ്ഥിതിക്ക് മറ്റൊരു പേരിനെക്കുറിച്ച് ……
ഇങ്ങനെയൊരു പേര് നിർദ്ദേശിച്ചാലോ…..
तोल-मोल
व्यापार में तोल-मोल का बड़ा स्थान है। युवती प्रत्येक शॉल के लिए अढ़ाई सौ माँगती है। तोल-मोल के बाद डेढ़ सौ में तय होता है। यदि पहले ही युवती डेढ सौ माँगती तो उसे नहीं मिलता। उसी प्रकार पत्नी यदि तोल-मोल न करती तो उसे डेढ सौ में शॉल नहीं मिलता ।
പരീക്ഷയ്ക്ക് വരാൻ സാധ്യതയുള്ള മറ്റു ചില ചോദ്യങ്ങൾ കൂടി പരിശോധിക്കാം.
SCERT Class 10 Hindi Unit 1 सफ़रों की जुगलबंदी
इस सफ़र में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थककर सो गई – राही मासूम रज़ा
‘सफ़रों की जुगलबंदी’ – എന്ന ആദ്യയുണിറ്റിൽ ആകെ മൂന്നു പാംഭാഗങ്ങൾ
‘खिड़की’ എന്ന ലഘു കഥ ആദ്യമായി നമ്മൾ പരിചയപ്പെടുന്ന ഹൈക്കു കവിത कील ‘जिंदगी का सफ़र’।
പിന്നെ യാത്രാവൃത്താന്തം ‘रैन बसेरे में’ ।
ഇങ്ങനെ മൂന്നു പാഠഭാഗങ്ങളാൽ സമ്പുഷ്ടമാണ് ആദ്യയൂണിറ്റ്.
നൽകിയിരിക്കുന്ന റെയിൽവെസ്റ്റേഷൻ പ്ലാറ്റ്ഫോമിന്റെ ചിത്രങ്ങൾ നിരീക്ഷിക്കുകയും, വിവിധങ്ങളായ
ഭാഷാപ്രവർത്തനങ്ങളിൽ ഏർപ്പെടുകയും ചെയ്യാം.
നൽകിയിരിക്കുന്ന കവിതാഭാഗവും വായിക്കുക.
इस सफर में नींद ऐसी खो गई
हम न सोए रात थककर सो गई
ഈ യാത്രയിൽ ഉറക്കം നഷ്ടമായി
നമ്മൾ ഉറങ്ങിയില്ലെങ്കിലും, രാത്രി ക്ഷീണിച്ചുറങ്ങിപ്പോയി.
റയിൽവെ സ്റ്റേഷനിൽ നമ്മൾ കേട്ടു പരിചയിച്ച ഒരു sir (Announcement) ശ്രദ്ധിക്കൂ….
यह उद्घोषणा पढ़ें :
यात्रियो कृपया ध्यान दें,
गाड़ी नंबर 16348 तिरुवनंतपुरम से मंगलूर तक जानेवाली तिरुवनंतपुरम-मंगलूर एक्सप्रेस प्लाटफार्म नंबर 2 पर आ रही है।
യാത്രക്കാരുടെ ശ്രദ്ധയ്ക്ക്,
ട്രെയിൻ നമ്പർ 16348 തിരുവനന്തപുരത്തുനിന്നും മംഗലാപുരം വരെ പോകുന്ന തിരുവനന്തപുരം മംഗലാപുരം എക്സ്പ്രസ്സ് പ്ലാറ്റ്ഫോം നമ്പർ രണ്ടിലേക്ക് വന്നു കൊണ്ടിരിക്കുന്നു.
डिब्बे के अंदर के कार्यकलापों की कल्पना करें और अभिनय करके दिखाएँ ।
നമ്മൾ ട്രെയിനിൽ യാത്ര ചെയ്താൽ ബോഗിക്കുള്ളിൽ സാധാരണ ശ്രദ്ധയിൽ പെടാറുള്ള കാര്യ ങ്ങൾ അഭിനയിച്ചു പ്രകടിപ്പിക്കുവാനാണ് നിർദ്ദേശം.
അഭിനയിക്കുന്നതിന് മുൻപ് അത്തരം ചില പ്രവർത്തനങ്ങൾ എഴുതുന്നത് നന്നായിരിക്കും.
चायवाला चाय बेच रहा है।
- यात्री चाय पी रहा है ।
- बच्चा खेल रहा है।
- एक आदमी सो रहा है।
- औरत अखबार पढ़ रही है।
- टिकट परीक्षक टिकट का जाँच कर रहा है।
- युवक फोन कर रहा है।
- लड़की वीडियो देख रही है।
ज़िंदगी का सफ़र Extra Questions and Answers
1. निम्नलिखित कथांश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
सर्दी हल्की हल्की दस्तक देने लगी थी । इसलिए सोचा चलो इस बार ए सी के बजाय जनरल कोच से सफर का आनंद लिया जाए। पहले बीवी-बच्चे जनरल से जाने पर कुछ नाराज़ हुए, पर फिर थोडी ना-नुकुर बाद मान गए।
प्रश्न 1.
यात्रा का समानार्थी शब्द कौन-सा है ?
(सर्दी, सफ़र, नाराज़, दस्तक )
उत्तर :
सफ़र
प्रश्न 2.
बीवी बच्चों ने पहले जनरल कोच से जाने पर मना किया।
इस प्रसंग में पति, पत्नी और बच्चों के बीच की बातचीत कल्पना करके लिखें।
उत्तर :
पति : इस बार हमारा सफ़र जनरल कोच में है ।
पत्नी : जनरल कोच में! आप क्या कह रहे हैं…..? बच्चों के साथ जनरल कोच में कैसे जा सकते हैं?
बेटा : पिताजी, जनरल कोच में बड़ी भीड़ होगी। हम ए सी में जाएँगे ।
बेटी : ठीक है। ए सी में बड़ा मज़ा आएगा।
पति : सर्दी है न बेटा … । एसी की कोई ज़रूरत नहीं ।
पत्नी : सीट नहीं मिलेगा। आठ घंटे का सफ़र है न ?
पति : सीट तो बुक किया है। इस बार हम जनरल कोच की यात्रा का आनंद लेंगे।
पत्नी : तो ठीक है। इस बार जनरल कोच में · जाएँगे ।
2. लघु कथा का यह अंश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
“दीदी ! जम्मू की शॉल ले लो ! बहुत बढ़िया है!” रंग- बिरंगी शॉलों का भारी गठर उठाए एक साँवली- सलोनी कजरारी आँखोंवाली युवती पत्नी को इसरार करने लगी ।
” कितने की है?”
अढाई सौ की ! ”
प्रश्न 1.
शॉल की क्या – क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?
उत्तर :
जम्मू की है, बहुत बढ़िया है और रंग-बिरंगी है।
प्रश्न 2.
प्रत्येक शॉल के लिए युवती कितने रुपए माँगती है ?
उत्तर :
अढाई सौ
प्रश्न 3.
वाक्य पिरमिड की पूर्ति करें ।
(युवती, एक शॉल के लिए)
उत्तर :
प्रश्न 4.
मान लें, रेलगाडी के अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए पत्नी अपनी सहेली के नाम पत्र लिखती है। वह पत्र कल्पना करके लिखें ।
उत्तर :
स्थान,
तारीख
प्रिय सहेली.
कैसी हो? आशा है तुम सानंद हो। मैं सकुशल हूँ। पिछले हफ्ते ट्रेन से होशियारपुर गई थी । पति और बच्चे भी थे। एक शादी में भाग लेना था। इस बार हमारी यात्रा जनरल कोच में थी । पति ने कहा – ” इस बार ए सी के बजाय जनरल कोच से सफर का आनद लिया जाए ।” शॉल बेचनेवाली एक युवती बोगी में आई। रंग-बिरंगी कई शॉलें थीं उसके पास । मैंने पाँच शॉलें खरीदीं। एक के लिए 150 रुपए । जनरल कोच का यह सफर एक आलग अनुभव था। कल शाम को हम लौट आए।
माँ-बाप कैसे हैं? आशा है, पति और बच्चे भी सकुशल हैं। सबको मेरा नमस्कार ।
तुम्हारी सहेली,
हस्ताक्षर
नाम
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