व्हाइट कैप कहानी Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus

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White Cap Kahani Summary in Malayalam Hindi

व्हाइट कैप कहानी Summary in Hindi

White Cap Kahani Summary in Hindi

नई बसाहटों के कारण हर साल शहर की शक्ल बदल जाती थी। निर्माणाधीन इमारतों में काम करने वाले मज़दूरों का गाँव इतनी दूर था कि वे रोज़ वहाँ लौट नहीं सकते थे । ऐसे मज़दूर निर्माणाधीन इमारतों के आस-पास ही किसी कोने में अपनी गठरियाँ रखकर, चूल्हा सुलगाकर, भोजन बनाते, खाते और रात गुज़ारते रहते ।

इन्हीं मज़दूर-पहरेदारों में एक परिवार केशव का भी था। केशव आठ साल का छोटा-सा, नाटा-सा, साँवला-सा लड़का था। उसके माता-पिता, बेमेतरा ज़िले के किसी गाँव से यहाँ पहुँचे थे ।

फरवरी माह के अंत में, जब गर्मी अपने पाँव पसारने लगी थी, तीसरी कक्षा की अपनी वार्षिक परीक्षा दे चुकने के बाद केशव अपने दादाजी से माता-पिता के पास शहर जाने की ज़िद कर बैठा। बुढ़ापे में बचा-खुचा दिमाग जब पोते ने कुतरना शुरू किया तो हताश उसके दादाजी ने उसे बस में बिठाकर यहाँ उसके माता-पिता के पास ला छोड़ा ।

यहाँ आकर केशव दिन-भर के लिए परिवार के अस्थायी डेरे में अकेले पड़े रहने को मजबूर था। आखिर कुछ दिनों अकुलाते पड़े रहने के बाद केशव उस डेरे से बाहर निकला। आस-पास की दूसरी कॉलोनियों के उसने चक्कर लगाए, फिर एक कॉलोनी के पास लड़कों को क्रिकेट खेलता देखकर ठहर गया। वह दूर एक नीम के पेड़ के नीचे छाया में बैठ गया। बाकी लड़के निश्चिंत होकर क्रिकेट खेलते रहे ।

केशव अब रोज़ दिन में लड़कों का खेल देखने उधर आने लगा। नीम के नीचे बैठे अपना खेल देख रहे केशव को, लड़कों ने कुछ दिनों अपने खेल में तो शामिल नहीं किया, मगर उसे अपनी हँसी-मजाक का विषय ज़रूर बना लिया था। खेल में आउट होकर आए और पहले से नीम के नीचे आकर बैठे लड़के बीच-बीच में उसकी खोपड़ी पर तबला बजाते। कभी मज़ाक में सिर पर हाथ भी जमा देते, तो भी केशव मुस्कुराता रहता। कुछ बड़े लड़के सहानुभूति जताते-“उसकी खोपड़ी के पीछे मत पड़ो यार, दुखता होगा!”

कुछ दिनों में वह लड़कों के खेल की ज़रूरत भी बन गया था। किसी लड़के के समय पर न पहुँचने पर वे केशव को उसके घर बुलवाने भेजने लगे। केशव उचक-उचककर अपने नन्हे हाथों से उस लड़के के घर की ऊँची कॉलबेल बजाता। लड़का खुद प्रकट हुआ तो ठीक, यदि उसके घरवाले निकल आते तो केशव को देखकर अपने लड़के को खेलने न भेजने का उनका इरादा और पक्का हो जाता-

“गुल्लू आज खेलने नहीं जाएगा। पढ़ाई करेगा । तुम भागो यहाँ से!”
“आंटी, उसके दोस्त बुला रहे हैं।” केशव मासूमियत से कहता।

” तु म को भागने बोला है, फिर भी खड़े हो! लगाऊँ क्या दो झापड़ ?”

तब खिलाड़ी की कमी की पूर्ति केशव से की जाती। मगर दूर इमारतों से, झाड़ियों से, गंदी नाली से बॉल लाने का ज़िम्मा केशव का ही होता, चाहे वह दोनों टीमों में किसीका भी हिस्सा हो। कई बार उनकी बॉल किसी खूँखार दंपति के अहाते में चली जाती, जिन्हें लड़कों का इधर खेलना ही पसंद नहीं था। बड़े लड़कों को वहाँ बॉल माँगने जाने पर अपमानित होने और बॉल से हाथ धो बैठने का डर रहता था। इसलिए वे कुछ देर रुककर चुपके से केशव को उनके अहाते के अंदर उतारते। केशव बंदर की तरह बॉल को ढूँढ़कर बाहर उछाल देता और लड़के केशव को वापस अहाते के बाहर खींच लेते। खेल के ज़्यादातर समय केशव किनारे बैठा, बाकी लड़कों को खेलता देखता रहता।

कोई भी टीम उसे अपनी तरफ़ खिलाने को तैयार नहीं होती थी। कई बार केशव ने अपने माता-पिता से उसके लिए भी बल्ला और बॉल खरीद देने का आग्रह किया था। मगर माता-पिता ने उसे डपट दिया था-

“जब तू अच्छे नंबर से पाँचवीं पास कर लेगा तो एक बॉल खरीद ही देंगे! और बल्ला…?”
“उसके बारे में भी तब सोचेंगे! बेचारा केशव दिन को रुआँसा पड़ा अक्सर क्रिकेट खेलता देखा करता। उसके हाथों में नया बल्ला और सिर पर झक व्हाइट कैप होती। टाँगों पर शानदार मोटे पैड कसे होते। मोटे मेंढ़क की तरह दिखते अपने उस रूप की कल्पना पर वह मन-ही- मन मुस्कुराता। दूसरे लड़के चकित हो उसे खेलता देखते रहते और वह दनादन रन पर रन बना रहा होता। ये छक्का… ये चौका… नहीं-नहीं, नॉट आउट हूँ । वह बड़बड़ाते हुए कभी-कभी उठ बैठता तो उसे माता-पिता की डाँट भी खानी पड़ती ।

व्हाइट कैप कहानी Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus 1

व्हाइट कैप कहानी Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus

इधर कॉलोनी के लड़कों ने होली के नाम से मोहल्ले में चंदा किया, कुछ अपना भी जोड़ा। और शहर जाकर जमा चंदे से नई क्रिकेट सामग्री के साथ एक शील्ड भी खरीद ली। चार दिनों तक चलने वाले उनके इस टेस्ट-मैच में, जीतने वाली एक टीम का उस शील्ड पर कब्ज़ा होना तय था। लड़के दो टीमों में बँटे और कुछ दिनों अभ्यास भी करते रहे। फिर अपनी-अपनी टीम को जिताने के लिए मैदान में उतर गए। केशव को किसी भी टीम में जगह नहीं मिली थी।

कुछ समय तक खेल अच्छा चलता रहा। फिर एक बल्लेबाज ने ऐसा छक्का मारा कि सब हक्का-बक्का रह गए। बॉल पास की निर्माणाधीन एक तीन मंजिला इमारत की छत पर चली गई । लड़कों के पास नई वह इकलौती बॉल थी और इमारत के पीछे की हिलती चाली से चढ़कर छत तक जाना उनके लिए मुश्किल काम था। उनका खेल रुक गया और वे एक दूसरे को कोसते, गाली देते नीम के नीचे आकर खड़े हो गए ।

“दस बार कहा कि यहाँ से कहीं और जाकर इस मैच को खेलते हैं, मगर तुम लोग माने नहीं। अब लो!”

“सब इस मनोज की गलती है, जिसने इतनी जोर से बिल्डींग की तरफ मारा था। अब वही जाकर बॉल लाए या फिर अपने पैसे से नया खरीदे। आज का दिन तो खराब हो ही गया समझो!”
“मुझे क्या पता था कि बॉल इतनी ज़्यादा उछल जाएगी! तुम लोगों ने यदि यहीं सामने रोक ली होती तो वह पीछे जाती ही क्यों ? कमज़ोरी तुम्हारी है!”
“अब आधा दिन बचा है और पास में कोई दुकान भी नहीं है!”

सभी लड़के भुनभुनाते हुए नीम की छाया में ही निराश बैठ गए ।

लड़के उछल पड़े। एक बड़े लड़के ने खुश होकर कहा, “वाह! टार्जन है ये तो! चलो यार, काम बन गया”

लड़के केशव के नीचे आने का इंतज़ार किए बिना, फिर अपने खेल में रम गए। जब उनकी बॉल झाड़ी के अंदर चली गई और खेल ज़रा देर रुक गया, तब उन्हें केशव की फिर ज़रूरत महसूस हुई। मगर केशव था कहाँ?

“अबे, देखो सालो, वो लड़का छत से उतरा कि नहीं ?”

दो लड़के दौड़कर इमारत के पीछे बँधी चाली की ओर गए और जो देखा तो चिल्ला पड़े- “अबे, ये तो मर गया लगता है।” बाकी लड़के भी घबराकर उस तरफ़ दौड़े। एक लड़का जो अपने साथ वॉटरबैग लेकर आता था, उसने ज़मीन पर मुड़े-तुड़े बेसुध-से पड़े केशव के सिर पर पानी के छींटे मारे । केशव के शरीर में हल्की-सी हरकत हुई और वह कुनमुनाने लगा- “मेरी टाँग… मेरा हाथ..!”

घबराए एक लड़के ने कहा- “चौक तक दौड़कर दो लोग जाओ और कोई भी ऑटो, टैक्सी मिले फ़ौरन लेकर आओ । हॉस्पिटल ले जाना होगा। हम इसे उठा कर बिल्डिंग के सामने वाले हिस्से में ले चलते हैं।”

लड़कों ने जतन से केशव को उठाया और इमारत के सामने वाले हिस्से की समतल ज़मीन पर ले आए । इतने में केशव के माता-पिता भी दौड़ते हुए आ गए । केशव की माँ चीखकर रो पड़ी । तभी ऑटो भी आ गया। केशव को जल्दी से उसमें लिटाया गया। उसके माता-पिता भी तत्क्षण उसके साथ ऑटो में सवार हो गए।

लड़कों का दूसरा दिन खाली-खाली बीता। उन्होंने तय किया कि बिना घर के लोगों को बतलाए कल वे अपनी साइकिलों से हॉस्पिटल जाएँगे, जहाँ केशव का इलाज हो रहा है । उन्होंने दोपहर का समय तय किया और एक-एक कर सभी नीम के पेड़ के पास जमाहोने लगे । मगरतभीउन्होंने देखा, केशव के अस्थायी डेरे के पास एक ऑटो आकर खड़ा हुआ और उसमें से केशव के माता-पिता उतरकर डेरे के अंदर जा रहे हैं। मगर केशव? उन्होंने अपने एक साथी को अकेले चुपचाप जाकर केशव के बारे में खबर लाने के लिए तैयार किया।

वह लड़का गया और उसने ऑटोवाले से बात की और ऑटो में झाँककर चला आया। लौटकर उसने घबराई आवाज़ में धीर-धीरे कहा, “अबे, ऑटो में केशव एक करवट लेटा है ! मुझे उसने नहीं देखा। उसके एक हाथ और एक पैर में प्लास्टर चढ़ा हुआ है। ऑटोवाले ने बतलाया कि वे सभी अपना सामान बटोरकर उसी ऑटो से अभी बस स्टैण्ड जा रहे हैं । वहीं से बस से अपने गाँव भी निकल जाएँगे ।”

“बेचारे लड़के की हड्डियाँ टूट गई हैं यार, और वह भी हमारे कारण!”

गरीब मज़दूर परिवार, जिसका अपना यहाँ कोई स्थाई ठिकाना नहीं था, अपनी कुल दो-तीन गठरियाँ लेकर जल्दी ही वापस ऑटो में आ बैठा। ऑटो चल पड़ी और जब उन खिलाड़ी लड़कों के सामने पहुँची तो उन्होंने सड़क घेर कर उसे रोक लिया।

“अंकल, केशव कैसा है?”
“आंटी, डॉक्टर क्या बोले? जल्दी ठीक तो हो जाएगा ना?” सारे लड़के चारों तरफ से ऑटो को घेरकर खड़े थे और लेटे हुए केशव को देखते हुए उसके माता-पिता से पूछ रहे थे । केशव तकलीफ़ में तो था, मगर अब लड़कों की आवाज़ सुनकर जाग गया था और इन्हें देखता हुआ लेटे-लेटे मुस्कुरा रहा था। अपना एक साबुत हाथ ज़रा-सा ऊपर उठाया तो लड़के उससे हाथ मिलाने को टूट पड़े ।

“तुम जल्दी ठीक हो जाओगे केशव” लड़कों की एक टीम के कप्तान ने कहा और अपने हाथ में रखा बिस्कुट का पैकेट केशव की माँ को सौंप दिया- “आंटी, इसे रास्ते में भूख लगेगी तो खिलाइएगा!”

“अब जब तुम लौटोगे केशव, तो हमारी टीम से खेलना।” पहली टीम के कप्तान ने केशव को ऑफ़र दिया। लड़कों ने अपने हाथों का बल्ला, पैड, स्टम्प, बॉल, और वह शील्ड जो किसी टीम की नहीं हो सकी थी, ऑटो के पीछे की जगह में केशव को दिखाते हुए धर दिया। एक कप्तान ने अपनी जेब से व्हाइट कैप निकाली और केशव के सिर की तरफ़ धर दी।

ऑटो आगे बढ़ने लगी तो केशव ने अपने पिता से कहा- “बाबू, मुझे कैप पहना दो!”

पिता ने व्हाइट कैप केशव के सिर पर पहना दी । ऑटो के आगे बढ़ने से दूर होती क्रिकेट टीमों को, जो अब भी एक जगह खड़ी, ऑटो की तरफ़ देखती हाथ हिला रही थीं, केशव ने अपने साबुत हाथ से सिर की कैप उतारी और ऑटो के बाहर निकालकर लहराने लगा।

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White Cap Kahani Summary in Malayalam

व्हाइट कैप कहानी Summary in Malayalam

പട്ടണത്തിൽ ജോലി തേടി എത്തുന്ന ഒരു തൊഴിലാളി കുടുംബത്തിലെ അംഗമാണ് കേശവ്. ഗ്രാമത്തിൽ മൂന്നാം ക്ലാസ് പഠനം കഴിഞ്ഞ് അവൻ പട്ടണത്തിൽ എത്തു ന്നു. അവിടെ വച്ച് ക്രിക്കറ്റ് കളിക്കുന്ന ചില കുട്ടികളെ പരി ചയപ്പെടുന്നു. അവർ കേശവിനെ കളിയാക്കുകയും ദൂരെ പോകുന്ന പന്തെടുക്കാൻ ഉപയോഗിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു. ഇടയ്ക്ക് പകരക്കാരനായി അല്പം കളിക്കാനുള്ള അവസ രവും കേശവിന് ലഭിക്കുന്നു. ഒരു ദിവസം കളിക്കിടയിൽ നിർമ്മാണത്തിലിരിക്കുന്ന ഒരു കെട്ടിടത്തിന് മുകളിൽ പന്തെ ടുക്കാൻ പോയ കേശവ് തിരിച്ചിറങ്ങുമ്പോൾ വീണ് മുറി വേൽക്കുന്നു.

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മറ്റു കുട്ടികൾ ഇതറിയാതെ കളി തുടരുന്നു. ഇതിനിടയിൽ കേശവിനെ അവർ കാണുകയും വീട്ടുകാർ എത്തി ആശുപത്രിയിൽ എത്തിക്കുകയും ചെയ്യുന്നു. ഈ സംഭവത്തോടെ കേശവിനോടുള്ള കുട്ടികളുടെ മനോഭാവം മാറുന്നു. ആശുപത്രിയിൽ നിന്നും തിരിച്ചെത്തിയ കേശവ് തന്റെ മാതാപിതാക്കളോടൊപ്പം ഗ്രാമത്തിലേക്ക് പോകുവാൻ ഒരുങ്ങുന്നു. ഈ സമയം മറ്റ് കുട്ടികൾ എത്തി അവരുടെ ക്രിക്കറ്റ് സാധന ങ്ങൾ കേശവിന് നൽകുന്നു. അതിലെ ഒരു വെള്ള തൊപ്പി വീശി ദൂരേക്ക് കേശവ് ഓട്ടോയിൽ പോയി മറ യുന്നു.

व्हाइट कैप कहानी लेखक परिचय लोकबाबू

लोकबाबू का जन्म 10 जून 1954 छत्तीसगढ़ में हुआ। छत्तीसगढ़ अंचल के लोक जीवन की संवेदनशील प्रस्तुति उनकी कहानियों की विशेषता है। टीले पर चाँद, बोधिसत्व भी नहीं आए, जंगलगाथा, बस्तर बस्तर आदि उनकी रचनाएँ हैं।

व्हाइट कैप कहानी शब्दाथ

  • बसाहट – കോളനി, colony
  • शहर – നഗരം, city
  • शक्ल – ആകൃതി, shape
  • बदलना – മാറ്റാൻ, to change
  • इमारत – കെട്ടിടം, building
  • मज़दूर – തൊഴിലാളി, labourer
  • रोज़ – ദിവസേന, daily
  • लौटना – മടങ്ങാൻ, to return
  • आस-पास – അടുത്ത് , near
  • कोना – മൂല, corner
  • गठरी – ദാണ്ഡം, bundle
  • चूल्हा सुलगाना – അടുപ്പ് കത്തിക്കുക, to light hearth
  • रात गुज़ारना – രാത്രി കഴിച്ചു കൂട്ടുക, to spend night
  • पहरेदार – കാവൽക്കാരൻ, watchman
  • परिवार – കുടുംബം, family
  • नाटा – കുള്ളൻ, dwarf
  • साँवला – ശ്യാമളമായ, dark
  • गर्मी – ചൂട്, heat
  • पाँव पसारना – കാല് നീട്ടുക
  • दादा – അച്ഛന്റെ അച്ഛൻ, Father’s father
  • ज़िद करना – നിർബന്ധിക്കാൻ, to insist
  • बुढ़ापा – വാർദ്ധക്യം, old age
  • बचा-खुचा – ബാക്കിയായി, left over
  • दिमाग – ബുദ്ധി, intellect
  • पोता – പേരക്കുട്ടി, grandson
  • कुतरना – കടിക്കുക (ശല്യം ചെയ്യുക എന്നർത്ഥം)
  • हताश – നിരാശനായ, desperate
  • ला छोड़ा – ബാക്കിയായി, left with
  • अस्थायी – താത്ക്കാലികമായ, Temporary
  • डेरा – കൂടാരം, Tent
  • अकेला – ഒറ്റയ്ക്ക്, alone
  • मज़बूर – നിർബന്ധിതമായ, compelled
  • आखिर – ഒടുവിൽ, at last
  • अकुलाते पड़े रहना – അസ്വസ്ഥതയോടെ ഇരിക്കുക, to remain restless
  • चक्कर लगाना – ചുറ്റിനടക്കാൻ, to walk around
  • ठहरना – നിർത്താൻ, to stop
  • नीम – വേപ്പ്, neem
  • छाया – തണൽ, shade
  • निश्चित होकर – മനസ്സമാധാനത്തോടെ, with peace of mind
  • उत्सुक – ജിജ്ഞാസയുള്ള, curious
  • शामिल करना – ഉൾപ്പെടുത്താൻ, to include
  • हँसी-मज़ाक – പരിഹാസം, mockery
  • खोपड़ी – തല, head
  • मुस्कुराना – പുഞ്ചിരിക്കാൻ, to smile
  • सहानुभूति जताना – സഹാനുഭൂതി പ്രകടിപ്പിക്കുക, to express sympathy
  • दुखना – വേദനനിക്കുക, to feel pain
  • ज़रूरत – ആവശ്യം, need
  • बुलवाना – വിളിക്കാൻ, to summon
  • भेजना – അയയ്ക്കാൻ, to send
  • उचक्कर – ചാടി എഴുന്നേറ്റു, jumped up
  • नन्हे हाथों से – ചെറിയ കൈകൾ കൊണ്ട്, with little hands
  • खुद – സ്വയം, self
  • इरादा – ഉദ്ദേശ്യം, intention
  • पक्का होना – ഉറപ്പിക്കാൻ, to be sure
  • पढ़ाई – പഠനം, study
  • दोस्त – സുഹൃത്തുക്കൾ, friends
  • मासूमियत – നിഷ്കളങ്കത, innocence
  • भागना – ഓടിപ്പോകാൻ, to run away
  • झापड़ लगाना – കൈകൊണ്ട് അടിക്കുക, slap
  • मनोरंजक गतिविधियाँ- വിനോദപ്രവർത്തനങ്ങൾ, Recreational activities
  • स्वास्थ्य – ആരോഗ്യം, health
  • खिलाड़ी – കളിക്കാരൻ, player
  • कमी – ക്ഷാമം, shortage
  • मगर – പക്ഷേ, but
  • झाड़ी – കുറ്റിച്ചെടി, bush
  • गंदी नाली – വൃത്തികെട്ട കിടങ്ങ്, dirty ditch
  • जिम्मा – ഉത്തരവാദിത്തം, responsibility
  • हिस्सा – ഭാഗം, part
  • खूँखार – ഭയാനകം, dreadful
  • अहाता – സംയുക്തം, compound
  • पसंद – ഇഷ്ടപ്പെട്ടു, liked
  • माँगना – അഭ്യർത്ഥിക്കാൻ, to request
  • हाथ धो बैठना – വഴിതെറ്റിപ്പോകാൻ, to get lost
  • उतारना – ഇറങ്ങാൻ, to cause to descend
  • बंदर – കുരങ്ങൻ, monkey
  • ढूँढ़ना – തിരയാൻ, to search
  • उछाल देना – കുതിച്ചുചാട്ടം, to throw up, to bounce
  • खींचना – വലിച്ചിടാൻ to drag
  • ज्यादातर समय – കൂടുതൽ സമയവും, most of the time
  • किनारा – കര, bank (area of ground along its edge)
  • खिलाना – കളിപ്പിക്കുക, to give opportunity to play
  • बल्ला – ബാറ്റ്, bat
  • खरीदना – വാങ്ങാൻ, to buy
  • डपटना – ശകാരിക്കാൻ, to scold
  • रुआँसा – കണ്ണീരോടെ, tearful
  • सपना – സ്വപ്നം, dream
  • अकसर – പലപ്പോഴും, often
  • झक – തിളങ്ങുന്ന, shinning
  • टाँग – കാലുകൾ, leg
  • शानदार – വലിയ, grand
  • मोटा – കട്ടിയുള്ള, thick
  • कसना – മുറുക്കാൻ, to be tightened
  • मेंढ़क – മാഗ്, തവള, mag, frog
  • मुस्कुराना – പുഞ്ചിരി, to smile
  • चकित होना – അത്ഭുതപ്പെടുക, to be surprised
  • दनादन – തുടർച്ചയായി, continuously
  • छक्का – ആറ് റൺസ്, six runs
  • चौका – നാല് റൺസ്, four runs
  • बड़बड़ाना – പിറുപിറുക്കാൻ, to grumble
  • डाँट खाना – ശകാരിക്കപ്പെടുക, to get scolded
  • मोहल्ला – പ്രദേശം, locality
  • चंदा – സംഭാവന, donation
  • जोड़ना – കുട്ടിച്ചേർക്കുക, to add
  • जीतनेवाली – ജയിക്കുന്നത്, winning
  • कब्जा – അധികാരം possession, occupancy
  • तय – നിശ്ചയിക്കപ്പെട്ട, fixed
  • बँटना – വീതിക്കപ്പെട്ട, to be shared
  • जिताना – ജയിക്കുക, to cause to win
  • उतरना – താഴേക്ക് വരാൻ, to come down
  • जगह – സ്ഥലം, place
  • बल्लेबाज़ – ബാറ്റ്സ്മാൻ, batsman
  • हक्का-बक्का – സ്തബ്ധനായി, stunned
  • निर्माणाधीन – നിർമ്മാണത്തിലിരിക്കുന്ന, under construction
  • तीन मंजिला – മൂന്ന് നില, three storey
  • छत – മേൽക്കൂര, roof
  • इकलौती – ഒരേയൊരു, the only one
  • हिलती – വിറയ്ക്കുന്നു, shaking
  • चाली – കയറാനുള്ള താൽക്കാലിക, temporary platfom for climbing
  • चढ़ना – കയറാൻ, to climb
  • मुश्किल – ബുദ്ധിമുട്ട്, difficult
  • कोसना – ശപിക്കാൻ, to curse
  • गाली देना – മോശമായ പദങ്ങൾ പറയുക, to abuse
  • ज़ोर से – ശക്തമായി, strongly
  • खराब होना – നശിപ്പിക്കപ്പെടാൻ, to be spoiled
  • रोकना – തടയാൻ, to prevent
  • कमज़ोरी – ബലഹീനത, weakness
  • आधा – പാതി, half
  • बचा – ശേഷിക്കുന്ന, remaining
  • दुकान – കട, shop
  • भुनभुनाते हुए – കോപത്തോടെ, angrily
  • अचानक – പെട്ടെന്ന്, suddenly
  • चकराना – അത്ഭുതപ്പെടാൻ, to be surprise
  • चकित – അത്ഭുതപ്പെടാൻ, astonished
    हाथ हिलाना – കൈ വീശാൻ, to wave hand
  • टार्जन – വാനരന്മാരാൽ വളർത്തപ്പെട്ട ഒരു സാങ്കൽപ്പിക വീര കഥാപാത്രം, a fictional heroic character raised by monkeys.
  • इंतज़ार करना – കാത്തിരിക്കാൻ to wait
  • रमना – ആനന്ദിക്കുക, to take pleasure
  • ज़रूरत – ആവശ്യം need
  • महसूस होना – അനുദവപ്പെടുക to feel
  • चिल्लाना – നിലവിളിക്കുക to shout
  • तय – സ്ഥിരമായി fixed
  • घबराना – പരിഭ്രമിക്കുക to be perplexed
  • मुड़े-तुड़े – ഒടിഞ്ഞു മടങ്ങി crumpled
  • बेसुध – ബോധമില്ലാതെ unconscious
  • छींटा – വെള്ളത്തുള്ളി, sprinkle
  • हल्की-सी – നേരിയ, slight
  • हरकत – ചലതം, movement
  • कुनमुनाना – പിറുപിറുക്കുക, to mutter
  • चौक – Junction
  • फौरन – പെട്ടെന്ന്, immediately
  • जतन से – സുക്ഷിച്ച്, with care
  • चीखना – നിലവിളിക്കുക, to scream
  • लिटाना – കിടത്തുക, to cause to lie down
  • खाली-खाली बीता – വെറുതെ കടന്നുപോയി, passed in vain
  • तय करना – നിശ്ചയിക്കുക, to decide
  • इलाज – ചികിസ, medical treatment
  • दोपहर – ഉച്ചനേരം , mid day
  • तय करना – നിശ്ചയിക്കുക, to decide
  • जमा होना – ഒത്തുകൂടുക, to assemble
  • अस्थायी – താത്കാലികമായ, temporary
  • खबर – വാർത്ത, news.
  • झाँकना – എത്തിനോക്കുക, to peep
  • करवट – ഒരു വശം ചരിഞ്ഞുള്ള കിടപ്പ്, lying on one side
  • बटोरना – ശേഖരിക്കുക, to collect
  • हड्डी – എല്ല്, bone
  • स्थायी – സ്ഥിരമായ, permanent
  • ठिकाना – പാസസ്ഥലം, residence
  • कुल – ആകെ, total
  • घेरना – വളയുക, to surround
  • रोकना – തടയുക , to stop
  • लेटना – കിടക്കുക, to lie down
  • तकलीफ़ – ക്ലേശം, difficulty
  • आवाज़ – ശബ്‌ദം, sound
  • साबुत – കേടില്ലാത്ത, faultless
  • टूटना – പെട്ടെന്ന് ചാടി വീഴുക, to rush in
  • सौंपना – കൊടുക്കുക, to hand over
  • भूख – വിശപ്പ്, hunger
  • खिलाना – ദധണം നൽക്കുക, to feed
  • धरना – വയ്ക്കുക to keep, to place
  • पहना देना – ധരിപ്പിക്കുക, to cause to put on
  • लहराना – വീശുക, to wave
  • प्रवासी – കുടിയേറ്റക്കാരൻ, migrant
  • चुनौती – വെല്ലുവിളി, challenge

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