Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers

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Kerala Syllabus Class 10 Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers

Time: 1½ Hours
Total Score: 40 Marks

सामान्य निर्देश :

  • पहला पंद्रह मिनिट कूल ऑफ़ टाइम है। इस समय प्रश्नों का वाचन करें और उत्तर लिखने की तैयारी करें।
  • वैकल्पिक प्रश्नों में से किसी एक का उत्तर लिखें ।

सूचनाः ‘आई एम कलाम के बहाने’ फिल्मी लेख का यह अंश पढ़ें, प्रश्न 1 से 3 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।

एक दिन रणविजय को उसके स्कूल में भाषण देने के लिए कहा जाता है। रणविजय परेशान है क्योंकि उसकी हिंदी इतनी अच्छी नहीं है। कलाम यह जानता है कि झट एक अच्छा-सा भाषण लिख अपने दोस्त रणविजय को दे देता है। रणविजय प्रथम पुरस्कार पाता है।

प्रश्न 1.
कौन रणविजय को भाषण लिख देता है ? (1)
(क) राणा सा
(ख) लुसी मैडम
(ग) भाटी सा
(घ) कलाम
उत्तर:
(घ) कलाम

प्रश्न 2.
रणविजय की परेशानी के कारण क्या-क्या हैं ? (2)
उत्तर:
रणविजय को स्कूल में हिन्दी में भाषण देना है। लेकिन उसकी हिन्दी इतनी अच्छी नहीं है ।

Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers

प्रश्न 3.
रणविजय भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार पाता है। इस प्रसंग पर रणविजय और कलाम के बीच की बातचीत लिखें। (4)
अथवा
संकेतों की मदद से कलाम की चरित्रगत विशेषताओं पर टिप्पणी लिखें।
♦ दोस्त की मदद करनेवाला
♦ पढ़ने में तत्पर
♦ बेहतर जीवन चाहनेवाला
उत्तर:
कलाम : क्या हुआ दोस्त ? परेशान क्यों हो ?
रणविजय : कल स्कूल में हिन्दी भाषण देने को कहा है।
कलाम : वह अच्छी बात है न?
रणविजय : तुम जानते है न, मेरी हिन्दी अच्छी नहीं है ।
कलाम : अरे छोडो यार ……… मैं हूँ न ? मैं तुझको भाषण लिख दूँगा ।
रणविजय : तुम? कैसे लिखोगे ?
कलाम : तुम्हें अपने दोस्त पर भरोसा है न ? मैं लिख लूँगा ………. पक्का ।
रणविजय : पर दोस्त ………. मुझे कल एक भाषण चाहिए।
कलाम : चिंता मत करो। रात को लिखकर सुबह दे दूँगा ।
रणविजय : ठीक है यार ।

Or

टिप्पणी
नील माधव पांडा की आई एम कलाम फिल्म का नायक है छोटू उर्फ कलाम । दस साल का कलाम भाटी सा की चाय की दूकान में काम करता है । उसका सपना है स्कूल जाना और पढ़ लिखकर राष्टपति कलाम-सा बनना । उनकेलिए वह अपना नाम खुद कलाम रखता है। कलाम सीखने में तेज़ है । चाय बनना, ऊँट की दवा करना आदि वह जल्दी ही सीख लेता है । वह इतना होशियार है कि झट से विदेशी टूरिस्टों की बोली सीख जाता है और लूसी मैडम का दिल भी जीत लेता है। कलाम अपने भोलापन से ढाणी के राजकुमार रणविजय का दोस्त बन जाता है। बन इतने अकलमंद है कि कुँवार रणविजय के लिए भाषण तक लिखकर देता है और उसको इनाम मिलने का कारण बन जाता है। कलाम एक ईमानदार लड़का है। चोरी का आरोप भी वह सह लेता है । फिर भी दोस्ती का प्रण तोड़ने केलिए तैयार नही होता है ।

सूचनाः’ बीरबहूटी’ कहानी का यह अंश पढ़ें और 4 से 6 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें ।

एक दिन सुरेंदर जी माटसाब ने बेला के बालों में पंजा फँसाया । पर शायद जिस गलती को पाकर वे उसके बाल पकड़कर फेंकनेवाले थे, वह गलती थी ही नहीं। उन्होंने बेला को छोड़ दिया। बेला के भयभीत चेहरे को देखकर साहिल बुरी तरह डर गया था। उसने देखा कि बेला के पाँव अभी भी काँप रहे हैं ।

प्रश्न 4.
सुरेंदर जी माटसाब ने बेला के साथ कैसा व्यवहार किया? (1)
(क) कक्षा से बाहर कर दिया।
(ख) बालों में पंजा फँसाया ।
(ग) बेंच पर खड़ा किया।
(घ) पाठ दस बार लिखने को कहा ।
उत्तर:
(ख) बालों में पंजा फँसाया ।

प्रश्न 5.
सही विकल्प चुनकर लिखें । (1)
(क) वे + के = उसके
(ख) ये + के = उसके
(ग) वह + के = उसके
(घ) यह + के = उसके
उत्तर:
(ग) वह + के = उसके

Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers

प्रश्न 6.
बेला के भयभीत चेहरे को देखकर साहिल बुरी तरह डर गया था। उस दिन साहिल डायरी लिखता है। वह डायरी कल्पना करके लिखें । (4)
अथवा
♦ कहानी के आधार पर चार सही प्रस्ताव चुनकर लिखें।
♦ बच्चे सुरेंदर जी माटसाब से डरते थे।
♦ सुरेंदर जी माटसाब इतिहास पढ़ाते थे।
♦ सुरेंदर जी माटसाब ने बेला के बालों में पंजा फँसाया ।
♦ भयभीत होकर बेला के पाँव काँप रहे थे।
♦ बेला और साहिल अजमेर के स्कूल में पढ़ते थे।
सुरेंदर जी माटसाब ने बेला की कॉपी को फेंक दिया ।
उत्तर:
साहिल की डायरी
तारीखः
दिनः
समयः
आज मेरे लिए कैसा दिन था, बता नहीं सकता । गणित के माटसाब क्लास में आए। हम सब भयभीत रहे। वे काँपी जाँचने लगे। अचानक उन्होंने काँपी में कोई गलती पाकर बेला के बालों में पंजा फँसाया । गलती न होने से उसे छोड दिया। उसकी भयभीत चेहरा देखकर मैं भी बुरी तरह डर गया। बेला के पाँ काँप रहे थे। मुझे लगा कि वह अभी गिर जाएगी। उसे बहुत शरम आया था। मेरे पास आकर बैठने पर वह मुझे नज़र नहीं मिला न सकी। पूरे दिन वह उदास रही। यह बुरा दिन मैं कैसे भूलूँ ?

or

चार सही प्रस्ताव

  • बच्चे सुरेंदर जी माटसाब से डरते थे।
  • सुरेंदर जी मांदसाब ने बेला के बालों में पंजा फँसाया ।
  • भयभीत होकर बेला के पाँव काँप रहे थे ।
  • सुरेंदर जी माटसाब ने बेला की काँपी को फ़ेंक दिया ।

सूचना:’ हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था’ टिप्पणी का यह अंश पढ़ें और 7 से 9 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।

सड़क पर घायल पड़े अपरिचित व्यक्ति को देखकर क्या हम कह सकते हैं कि उसे हम नहीं जानते ? वास्तव में हम जानते हैं कि यह व्यक्ति मुसीबत में है और इसे हमारी मदद की ज़रूरत है। यह कविता मनुष्य को मनुष्य की तरह ” जानने” की याद दिलाती है ।

प्रश्न 7.
लेखक के अनुसार मुसीबत में पड़े व्यक्ति को किसकी ज़रूरत है? (1)
(क) किताब की
(ख) खिलौने की
(ग) मदद की
(घ) उपदेश की
उत्तर:
(ग) मदद की

प्रश्न 8.
‘हताशा से एक व्यक्ति बैठ गया था’ कविता क्या संदेश देती है ? (1)
उत्तर:
दो मनुष्यों के बीच मनुष्यता क अहसास यानी मानवीय संवेदना होना ज़रूरी है, जानकारियाँ ज़रूरी नहीं हैं।

प्रश्न 9.
वाक्य पिरामिड की पूर्ति करें । (2)
(सहायता, हमारी)
Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers 1
उत्तर:
Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers 2

सूचना: ‘सबसे बड़ा शो मैन’ जीवनी का यह अंश पढ़ें और 10 से 12 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।

कई लोगों ने माँ से हाथ मिलाकर उसके छोटे बच्चे की तारीफ़ की । चार्ली स्टेज पर पहली बार आया और माँ आखिरी बार ……. दुनिया के सबसे बड़े शो मैन का यह पहला शो था। उसने जन्म ले लिया था ।

प्रश्न 10.
विशेषण शब्द चुनकर लिखें। (1)
(क) हाथ
(ख) पहला
(ग) स्टेज
(घ) दुनिया
उत्तर:
(ख) पहला

प्रश्न 11.
यहाँ ‘सबसे बड़ा शो मैन’ कौन है ? (1)
उत्तर:
चार्ली चैप्लिन

Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers

प्रश्न 12.
सही मिलान करें । (4)

माँ की आवाज़ फटने से लोग चार्ली की तारीफ़ की।
चार्ली गाना रोककर पैसों की बौछार शुरू हो गई।
चार्ली के गाने से स्टेज पर पैसे बटोरने लगा।
लोगों ने माँ से हाथ मिलाकर चिल्लाने लगे।

अथवा
माँ अपने बेटे के पहले स्टेज शो से बहुत खुश थी। उस दिन के अनुभवों का जिक्र करते हुए माँ ने अपनी सहेली के नाम पत्र लिखा । वह पत्र कल्पना करके लिखें ।
उत्तर:

माँ की आवाज़ फटने से लोग चार्ली की तारीफ़ की।
चार्ली गाना रोककर पैसों की बौछार शुरू हो गई।
चार्ली के गाने से स्टेज पर पैसे बटोरने लगा।
लोगों ने माँ से हाथ मिलाकर चिल्लाने लगे।

माँ का पत्र

स्थानः
तारीख:

प्रिय सहेली,
तुम कैसी हो ? कुशल है न? मैं यहाँ ठीक हूँ। तुम्हारी कोई खबर नहीं कुछ दिनों से। एक खास बात बताने के लिए मैं यह पत्र भेज रही हूँ ।

कल मेरा एक म्यूज़िक प्रोग्राम था। क्या कहूँ ? प्रोग्राम शुरू ही हुआ था। मेरी आवाज़ फटकर फुसफुसाहट में बदल गई। लोग चिल्लाने लगे।

मैं स्टेज से हट गई। मैं इस विचार में था कि क्या करूँ ? तभी मैनेजर ने चार्ली को स्टेज पर ले गया। उसने कमाल कर दिया। लोग खुश हुए। उसे बहुत पैसे भी दिए। इस प्रकार मेरे मान की भी रक्षा हुई । मेरे लाडले को लोग एक शो मैन मान लिया है। लगता है आगे उसका समय रहेगा।

वहाँ तुम्हारी नौकरी कैसे हो रही है? तुम कब यहाँ आओगी? परिवारवालों से मेरा प्रणाम कहना । जवाह पत्र की प्रतीक्षा में,

तुम्हारा मित्र,
(हस्ताक्षर)
नाम

सूचना: ‘दिशाहीन दिशा’ यात्रावृत्त का यह अंश पढें और 13 से 15 तक के प्रश्नों के उत्तर लिखें।

“अब लौट चलें साहब”, कुछ देर बाद उसने कहा, “सर्दी बढ़ रही है और मैं अपनी चादर साथ नहीं लाया । “अविनाश ने झट से अपना कोट उतारकर उसकी तरफ़ बढ़ा दिया। कहा, “लो, तुम यह पहन लो। अभी हम लौटकर नहीं चलेंगे। तुम्हें कोई गालिब की चीज़ याद हो, तो सुनाओ।”

प्रश्न 13.
‘अब लौट चलें साहब’ यह किसने कहा ? (1)
(क) अविनाश ने
(ख) अब्दुल जब्बार ने
(ग) मोन राकेश ने
(घ) गालिब ने
उत्तर:
अब्दुल जब्बार ने

प्रश्न 14.
अनिवानश ने अपना कोट मल्लाह को दे दिया । (2)
क्यों?
उत्तर:
सर्दी बढ़ने से, अपने पास चादर न होने से मल्लाह लौट जाने को कहता है । पर अविनाश कुछ समय और झील की सैर करना चाहता था। यानी उसे लौटने का मन नहीं हो रहा था।

प्रश्न 15.
इस प्रसंग के आधार पर पटकथा का एक दृश्य लिखें। (4)
उत्तर:
पटकथा
सर्दी बढ़ने से मल्लाह लौटने के बारे में कहने पर
स्थान : भोपाल ताल के एक नाव ।
समय : रात के साढ़े ग्यारह बजे ।
पात्र : अविनाश और मल्लाह
आयु : अविनाश 50, मल्लाह – 60
वेषभूषा : अविनाश कुर्ता और पतलून पहने हैं।
घटना : लेखक और अविनाश नाव में लेटे ताल की सवारी करने लगते हैं । तब लेखक मल्लाह से कुछ पूछने लगता है।

संवाद
मल्लाह : अब हम लौट चलें साहब ।
अविनाश : क्यों ? क्या हुआ ?
मल्लाह : सर्दी बढ़ रही है न?
अविनाश : तो क्या ?
मल्लाह . : जी, मैं अपनी चादर साथ नहीं लाया ।
अविनाश : (कोट उतारकर उसकी तरफ बढ़ाते हुए) लो, तुम यह पहन लो। (अभी हम लौटकर नहीं चलेंगे)
मल्लाह : (कोट पहनते हुए) ठीक है साहब । यही तो काफी है।
अविनाश : तुम्हें घर जाने की कोई आवश्यकता है क्या ?
मल्लाह : नहीं साहब । आपकी सैर खतम होने पर ही मैं जाऊँगा ।
अविनाश : ऐसा है तो तुम्हें कोई गालिब की चीज़ याद हो, तो सुनाओ ।
मल्लाह : ज़रूर साहब ।
(मल्लाह वह कोट पहनकर फिर से नाव खोने लगता है ।)

सूचनाः’ ठाकुर का कुआँ’ कहानी का यह अंश पढ़ें, पश्न 16 और 17 के उत्तर लिखें।

ठाकुर ‘कौन है, कौन है ?’ पुकारते हुए कुएँ की तरफ़ आ रहे थे और गंगी जगत से कूदकर भागी जा रही थी। घर पहुँचकर देखा कि जोखू लोटा मुँह से लगाए वही मैला गंदा पानी पी रहा है।

प्रश्न 16.
गंगी को ठाकुर के कुएँ से पानी लेने की अनुमति नहीं थी। क्यों? (1)
(क) कुएँ में पानी कम होने के कारण।
(ख) जातिगत असमानता के कारण।
(ग) कुएँ का पानी गंदा होने के कारण।
(घ) बीमार होने के कारण ।
उत्तर:
जातिगत असमानता के कारण

प्रश्न 17.
दिल्ली की मानवाधिकार समिति ने 5 अप्रैल 2024 को ‘समता दिवस’ मनाने का निश्चय किया है। इस अवसर पर ‘जातिगत भेद-भावः समाज का अभिशाप’ का संदेश देते हुए पोस्टर तैयार करें। (4)
उत्तर:
पोस्टर
Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers 3

Kerala SSLC Hindi Board Model Paper March 2024 with Answers

सूचना: ‘बच्चे काम पर जा रहे हैं’ कविता की ये पंक्तियाँ पढ़ें, प्रश्न 18 और 19 के के उत्तर लिखें ।

क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें
क्या दीमकों ने खा लिया है
सारी रंग-बिरंगी किताबों को
क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे
खिलौने
क्या किसी भूकंप में ढह गई हैं
सारे मदरसों की इमारतें

प्रश्न 18.
यहाँ ‘पर्वत’ के अर्थ में प्रयुक्त शब्द कौन-सा है ? (1)
(क) भूकंप
(ख) अंतरिक्ष
(ग) इमारत
(घ) पहाड़
उत्तर:
(घ) पहाड़

प्रश्न 19.
कवि और कविता का परिचय देते हुए कवितांश का आशय लिखें। (4)
उत्तर:
कवितांश का आशय
प्रस्तुत पंक्तियाँ आधुनिक हिंदी के प्रमुख कवि श्री. राजोश जोश की सुन्दर कविता बच्चे काम पर जा रहै हैं से ली गई हैं। इसमें कवि बालश्रम पर तीखा प्रहार करते हैं।

छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने के बजाय काम करने केलिए जा रहे हैं। इस भयानक दृश्य देखकर कवि पूछते हैं कि क्या सारी गेंदे अंतरिक्ष में गिर गई है ? सारी रंग बिरंगी किताबों को दीमकों ने खा लिया क्या? क्या सारे खिलौने काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं ? क्या सारे मदरसों की इमारतें किसी भूकंप में ढह गई हैं? गेंदें, किताबें, खिलौने, स्कूल की इमारतें, बच्चों के मनोरंजन एवं मानसिक विकास का साधन है। इन सब से ये बच्चे वंचित हैं। बच्चों को पढ़ने व खेलने की सुविधाएँ उपलब्ध कराना हमारा कर्तव्य हैं।

समाज की एक बड़ी समस्या को कविता के द्वारा प्रस्तुत करने में कवि को पूर्ण सफलता मिली है। यह कविता बिलकुल प्रासंगिक और अच्छी है। कविता की भाषा अत्यंत सरल एवं हमें चिंतित करने की प्रेरणा देनेवाली है ।

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