Practicing with SCERT Kerala Syllabus 10th Standard Hindi Notes Pdf Download Unit 1 Chapter 3 रैन बसेरे में Rain Basere Mem Questions and Answers Notes improves language skills.
Class 10 Hindi Rain Basere Mem Question Answer Notes
रैन बसेरे में Question Answer Notes
SCERT Class 10 Hindi Unit 1 Chapter 3 रैन बसेरे में Notes Question Answer
प्रश्न 1.
” दिन का आकाश है हाउस ऑफ लॉर्ड, रात का
आकाश है हाउस ऑफ कॉमन्स । “- इससे आपने क्या समझा ?
उत्तर :
दिन के आकाश में सूरज के अलावा हम कुछ नहीं देख सकते। पर रात का आकाश असंख्य तारों और चाँद का घर है।
प्रश्न 2.
‘इस पानी से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है । ” क्यों ?
उत्तर :
खेती के लिए पानी की ज़रूरत है । पर भारी वर्षा से कभी बाढ़ आ जाती है और वह खेती का नाश करती है। इससे किसानों को भारी नुकसान होता है।
प्रश्न 3.
” ऐसा लगता था मानो यह रात कभी खत्म ही नहीं होगी । ” – लेखक को क्यों ऐसा लगता था ?
उत्तर :
रैन बसेरे में एक विक्षिप्त आदमी ने लेखक और उनके सहायक को बहुत परेशान किया । लाचार होकर रात में वे उसकी धौंस सहते रहे। उनकी सहायता करने के लिए कोई नहीं था। इस प्रसंग में लेखक ने ऐसा सोचा ।
(विक्षिप्त – ബുദ്ധിദമം സംഭവിച്ച ആൾ)
प्रश्न 4.
” किताबें उसने खोलकर देखी, फिर ज्यों की त्यों वापस रख दीं। ” – यहाँ अपरिचित व्यक्ति का कौन-सा मनोभाव प्रकट होता है ?
उत्तर :
पुस्तकों का बड़ा महत्व है। शिक्षित व्यक्तियों का आदर करना है। यह मनोभाव प्रकट होता है।
प्रश्न 5.
” गुत्थी सुलझने लगी” – से आपने क्या समझा ?
उत्तर :
लेखक ने सोचा – ” उस अपरिचित ने किताबों को क्यों नहीं फेंका ? मुझे शिक्षक जानकर उसका व्यवहार एकाएक क्यों बदल गया ?” इन प्रश्नों के समाधान के रूप में उनके मन में कई बातें उठने लगीं। धीरे-धीरे गुत्थी सुलझने लगी । अर्थात् शंका का समाधान मिल गया।
प्रश्न 6.
लेखक भय और आतंक की उस रात को मिला सम्मान अपूर्व मानते हैं। क्यों?
उत्तर :
एक शिक्षक होने के नाते लेखक कई बार सम्मानित किया गया है। परंतु एक विक्षिप्त आदमी के द्वारा किया गया सम्मान अपूर्व ही है ।
गतिविधियाँ
सही प्रस्ताव चुनकर लिखें ।
- अमृतलाल वेगड़ ने नर्मदा के किनारे पदयात्रा की ।
- बारिश होने से यात्रियों को पथोड़ा गाँव में ही रुकना पड़ा।
- लेखक और सहायक मंदिर की छत पर सो गए।
- छोटू ने गाँववालों के लिए खाना पकाया।
- नींद खुलते ही लेखक ने एक स्त्री को अपने पास बैठे देखा।
- पागल आदमी ने चाबुक से यात्रियों को मारा।
- पागल आदमी ने पिट्ठू से किताबें निकालकर फेंक दीं।
- पागल आदमी लेखक के पैर दबाता रहा ।
- लेखक के हाथ में बीस पैसे का सिक्का रखकर पागल आदमी चला गया।
- पागल आदमी छोटू को भी साथ ले गया ।
उत्तर :
- अमृतलाल वेगड ने नर्मदा के किनारे पदयात्रा की।
- बारिश होने से यात्रियों को पथोड़ा गाँव में ही रुकना पड़ा।
- पागल आदमी लेखक के पैर दबाता रहा।
- लेखक के हाथ में बीस पैसे का सिक्का रखकर पागल आदमी चला गया।
पात्रों की विशेषताएँ पहचानें:
इस यात्रावृत्त के प्रसंग में कौन-कौन आपके सामने आते हैं? उनकी विशेषताएँ क्या-क्या हैं? तालिका में लिखें।
उत्तर :
पात्र | भूमिका | विशेषताएँ |
अमृतलाल वेगड़ | लेखक |
|
छोटू | लेखक का सहायक |
|
अपरिचित आदमी | विक्षिप्तता से परेशान |
|
पडोस का युवक | किसान | कठिन मेहनत करना । |
अर्थ ढूँढें ।
यात्रावृत्त में इन मुहावरों का प्रयोग कहाँ हुआ है ? वहाँ प्रत्येक मुहावरे का क्या अर्थ मिलता है ?
ऊलजलूल बकना बेसिर-पैर का सवाल करना धौंस सहना गुत्थी सुलझना |
उत्तर :
- लेकिन वह पागल जो था, ऊलजलूल बकने लगा। – बेकार की बातें कहना
- उसके सवाल बेसिर-पैर के थेऊ – अतार्किक प्रश्न पूछना
- लाचार हम उसकी धौंस सहते रहे । – धमकी सहना
- धीरे – धीरे गुत्थी सुलझने लगी। – समस्या का समाधान होना
विशेषण शब्दों को पहचानें:
यात्रावृत्त में विशेषण शब्द युक्त वाक्यों का बहुत प्रयोग हुआ है। ऐसे वाक्य चुनकर लिखें और विशेषण शब्दों को रेखांकित करें।
जैसे:
मुझे जो सम्मान मिला, वह अपूर्व था।
तभी एक विचित्र घटना घटी।
उत्तर :
- तारे ऐसे लग रहे थे मानो किसी ने आकाश में सफेद तिल बिखेर दिए हों ।
- सिमटकर घने काले मेघों में परिवर्तित हो रहे थे?
- फर्श पर बिछाने के लिए एक बहुत बड़ी दरी दी।
- पैरों के पास की खाली दरी पर एक आदमी गुड़ीपड़ा था।
- मैं सादे भेष में रहकर चोरों का पता लगाता हूँ। उसके मजबूत हाथों का स्पर्श अनुभव करते ही मैं काँप-सा गया।
- शिक्षक दिवस के अवसर पर पूरे देश में अनगिनत शिक्षकों का सम्मान किया जाता है।
बातचीत लिखें।
अपरिचित व्यक्ति के जाते ही छोटू ने दरवाज़ा बंद करके उसपर ताला लगा दिया। इस प्रसंग पर
छोटू और लेखक के बीच की बातचीत लिखें ।
उत्तर :
छोटू : अहो भाग्य ? बच गया। अब सो जाएँ।
लेखक : वह कौन होगा?
छोटू : मालूम नहीं। मैं तो डर गया।
लेखक : मैं भी। इसलिए उसके सवालों का उत्तर नहीं दिया।
छोटू : सवाल हैं क्या.? बेसिर……. पैर के ।
लेखक : यदि चाकू उसके हाथ लग गया तो?
छोटू : डेटॉल की शीशी की क्या हालत है …..! देखिए ।
लेखक : पर किताबों को देखकर एकाएक उसका व्यवहार बदल गया। उन्हें खोलकर देखा और ज्यों का त्यों रख दिया।
छोटू : ठीक है…..ठीक है और उसी प्रकार आप को शिक्षक जानकर ही वह शांत हो गया ।
लेखक : इसलिए ही हमें सोने की अनुमति दी। मेरे पैर दबाने क्यों आया वह ?
छोटू : वही कारण, आप शिक्षक हैं न?
लेखक : देखो, मुझे कुछ पैसे भी दिए हैं।
छोटू : पैसे दिए…..!
लेखक : हाँ। देखो बीस पैसे का सिक्का
छोटू : अब आप सो जाइए। सबेरे जाना है न ?
लेखक : ठीक है। सो जाएँ ।
मनपसंद प्रसंग यात्रावृत्त से चुनें। उस प्रसंग पर पटकथा का एक दृश्य लिखें और अभिनय करें ।
हमारा रास्ता चबूतरे से होकर जाता था । हम वहाँ से निकले तो वह वहाँ खड़ा मिला। हमने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया। तभी नीचे उतरकर, घुटनों के बल झुककर उसने मेरे पाँव छुए । “गुरुदेव ! वहुत शर्मिंदा हूँ। क्या करता, दौरा जो पड़ा था ।” उसके चेहरे पर पछतावा था, आँखों में आँसू ।
उत्तर :
स्थानः टेढी – मेढी पगडंडी । रास्ते के किनारे एक मंदिर। मंदिर अभी-अभी बनाया है।
समय: सुबह
पात्र – लेखक अमृतलाल वेगड़ – लगभग 60 साल
छोटू – लेखक का सहायक – लगभग 50 साल पागल आदमी – लगभग 65 साल
वेष – पायजामा और कुर्ता
लेखक और छोटू मंदिर से बाहर आते हैं। वे कुछ दूर के चबुतरे से होकर चलते हैं। छोटू के हाथ में एक बड़ा सूटकेस है। चबूतरे के पास पहुँचते ही पागल आदमी चबूतरे से नीचे उतरकर लेखक के पास आता है। वह घुटनों के बल झुककर लेखक के पाँव छूता है।
आदमी: गुरुदेव ! बहुत शर्मिंदा हूँ। क्या करता, दौरा जो पड़ा था।
(वह रोता है |)
लेखका : भाई उठो। …………. भाई, तुम नहीं जानते कि तुमने गुरुओं का कितना मान बढ़ाया है – किसी एक गुरु का नहीं, तमाम गुरुओं का।
(आदमी हाथ जोड़कर खड़ा होता है, लेखक और छोटू आगे बढ़ते हैं।)
अनुबद्ध कार्य
अपनी किसी यात्रा का विवरण लिखें । कक्षा में सबके विवरणों को जोड़कर ‘यात्रावृत्त संकलन’ प्रकाशित करें ।
താങ്കളുടെ ഒരു യാത്രാവിവരണം എഴുതി അധ്യാ പികയെ ഏൽപ്പിക്കാവുന്നതാണ്. പരസ്പരം മൂല്യ നിർണ്ണയം നടത്തി അവ ഒരു പതിപ്പാക്കാം.
उत्तर :
ഒരു മാതൃക
मेरी पहली रेल – यात्रा
मैं कई बार अपने मित्रों से रेल यात्रा के विषय में सुनता था। परंतु मुझे रेल यात्रा करने का सौभाग्य नहीं मिल सका। मैंने पिताजी से अपनी इच्छा प्रकट की । पिताजी ने कहा – “इस बार गर्मी की छुट्टी में हम दिल्ली जाएँगे।” उन्होंने अपनी बात मान ली। अप्रेल 15 को हम केरला एक्सप्रेस से दिल्ली गए। पिताजी ने पाँच टिकटें पहले ही आरक्षित कर ली थीं। पिताजी. माताजी, दादीजी, छोटी बहन और मैं। हमारी गाड़ी ठीक समय पर चल दी। हमें मार्ग के दृश्य बहुत ही सुंदर लग रहे थे। गाड़ी के अंदर चाय-कॉफी बेचनेवाले, फलवाले आदि आते रहते थे। तीसरे दिन हम दिल्ली पहुँच गए। दिल्ली पहुँचकर पिताजी ने कहा – “दिल्ली भारत का दिल है । ठीक है दिल्ली का बड़ा ऐतिहासिक महत्व है । संसदभवन, राष्ट्रपतिभवन आदि यहाँ है न? माँ ने कहा – आज हम आराम करेंगे। कल घूमने जाएँ। माँ की इस राय से सभी सहमत थे। हम टेक्सी द्वारा टूरिस्ट होम की ओर चले। यह मेरी पहली रेल यात्रा थी।
रैन बसेरे में Extra Questions and Answers
1. निम्नलिखित गद्यांश पढें और प्रश्नों के उत्तर लिखें ।
शिक्षक दिवस के अवसर पर पूरे देश में अनगिनत शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। मेरे शहर में मेरा भी कई बार सम्मान हो चुका है। लेकिन उस रात को, भय और आतंक के साये में ही सही, मुझे जो सम्मान मिला, वह अपूर्व था ।
प्रश्न 1.
‘मुझे’ में निहित सर्वनाम कौन-सा है ?
उत्तर :
मैं
प्रश्न 2.
वाक्य पिरामिड की पूर्ति करें ।
उत्तर :
यात्रा के बीच लेखक अपने सहायक के साथ एक रात मंदिर में ठहरा। उस रात के अपने अनुभवों के बारे में बताते हुए लेखक मित्र के नाम पत्र लिखता है। वह पत्र कल्पना करके लिखें ।
उत्तर :
स्थान,
तारीख
प्रिय मित्र,
कैसे हो…..? मेरी यात्रा जारी है। मौसम ठीक नहीं । वर्षा है। कल मैं छोटू के साथ एक मंदिर में ठहरा। जिस कमरे में हम ठहरे, एक आदमी घुस आया। पागल था। बहुत तंग किया हमें । हमने कभी इतना असहाय अनुभव नहीं किया था। लाचार हम उसकी धौंस सहते रहे। फिर वह समझ गया कि मैं शिक्षक हूँ । यह जानकर वह शांत हो गया। मेरे पैर दबाने लगा। विक्षिप्तता के कारण ही वह ऐसा व्यावहार करता है। क्या करें……….? बेचारा । सुबह हम वहाँ से निकले। ठीक है। मिलेंगे हम। घर में सब सकुशल हैं न……?
आपका मित्र,
अमृतलाल वेगड
सेवा में
घर का पता
2. निम्नलिखित कथांश पढ़ें और प्रश्नों के उत्तर लिखें।
तभी एक विचित्र घटना घटी। अचानक उसने मेरे पैर दबाने शुरु कर दिए। उसके मज़बूत हाथों का स्पर्श अनुभव करते ही मैं काँप – सा गया। एक-एक करके दोनों पैर खूब अच्छी तरह से दबाए। उसमें बड़ी ताकत थी। फिर हाथ दबाए। हाथों की एक-एक उँगली दबाई। हर घडी चिंता बनी रही कि कहीं कोई उँगली चटका न दे। इसके बाद उसने मेरी मुट्ठी खोली, उसमें कुछ रखा, मुट्ठी बंद की और चला गया।
प्रश्न 1.
अपरिचित ने किसके पैर दबाए ?
उत्तर :
लेखक के ।
प्रश्न 2.
आदमी ने लेखक के हाथ में क्या रखा ?
उत्तर :
बीस पैसे का सिक्का
प्रश्न 3.
मान लें, प्रस्तुत घटना को लेखक अपनी डायरी में लिखता है।
– डायरी का वह अंश कल्पना करके लिखें ।
उत्तर :
तारीख
दिन
यात्रा के बीच आज रात एक मंदिर में ठहरा। थकावट के कारण जल्दी ही सो गया। रात में कभी उठा तो देखा मेरी दरी पर एक आदमी पड़ा है। वह बडबडा रहा था। शायद पागल था। थोडी देर बाद वह बाहर गया। लेकिन जल्दी ही वापस आया। हमसे बेसिर-पैर के प्रश्न पूछे। बहुत परेशान किया हमें । छोटू और मैं लाचार उसकी धौंस सहते रहे। उसने मुझसे पूछा – “तुम क्या करते हो? जब उसे पता चला कि मैं एक शिक्षक हूँ, उसका व्यवहार बिलकुल बदल गया । हमें सोने दिया। एक विचित्र घटना घटी। वह मेरे पैर दवाने लगा। फिर हाथ दबाए, हाथों की एक एक उँगली दबाई। फिर मेरी मुट्ठी में बीस पैसे का एक सिक्का रख दिया और बाहर चला गया। मैं जानता हूँ…… एक शिक्षक के प्रति यह उसका आदर था ।