रैन बसेरे में Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus

Reading SCERT Class 10 Hindi Solutions and रैन बसेरे में Rain Basere Mem Summary in Hindi Malayalam before the exam can save a lot of preparation time.

Rain Basere Mem Summary in Malayalam Hindi

रैन बसेरे में Summary in Hindi

Rain Basere Mem Summary in Hindi

‘तीरे-तीरे नर्मदा’ अमृतलाल वेगड़ की नर्मदा पदयात्राओं का वृत्तांत है। प्रथम पदयात्रा उन्होंने अपने पचास साल की आयु में 1977 में की और अंतिम 2009 में। इन तैंतीस वर्षों के दौरान की गई करीब 4000 कि.मी. की पदयात्राओं का वृत्तांत है- ‘तीरे-तीरे नर्मदा’। इस सिलसिले में अपने सहायक छोटू के साथ 11 अक्तूबर 1997 को की गई पदयात्रा के अनुभव यहाँ दिए गए हैं।

रात को थोड़ी देर के लिए मैं बाहर निकल आया और आकाश तले बैठ गया। तारे ऐसे लग रहे थे मानो किसीने आकाश में सफेद तिल बिखेर दिए हों। चाँद नहीं था इसलिए तारे खुलकर सामने आ गए थे।

सूरज चलता है अकेला, तारे चलते हैं जमात में। अमावस की रात को तारों का भंडारा भरता है। दिन का आकाश है हाउस ऑफ लॉर्ड, रात का आकाश है हाउस ऑफ कॉमन्स!

सुबह आगे बढ़े। पगडंडी एकाएक खतरनाक हो गई। ज़रा चूके और सीधे पानी में। पतली होते-होते वह लुप्त हो गई। खड़ी चढ़ाई चढ़कर मुश्किल से ऊपर आए। लेकिन ऊपर न गड़वाट थी, न पगडंडी और बादल थे कि हमें लगातार धमका रहे थे। वे सिमटकर घने काले मेघों में परिवर्तित हो रहे थे। कभी भी बरस सकते थे। कहीं एक आदमी तक नज़र नहीं आ रहा था। किसी तरह पथोड़ा पहुँचे। रोज़ की अपेक्षा आज हम आधा ही चल पाए थे, लेकिन पानी के डर से इसी गाँव में रुकना पड़ा।

रैन बसेरे में Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus 1

कुछ लोगों ने मिलकर गाँव में एक मंदिर बनवाया है। अभी मूर्ति की स्थापना नहीं हुई है। मंदिर के बरामदे में लोहे का जाली वाला दरवाजा है। मंदिर की देखरेख करने वाले ग्रामीण ने उसे हमारे लिए खोल दिया। आज यही बरामदा हमारा रैन बसेरा है। पानी लाने के लिए बाल्टी दी। फर्श पर बिछाने के लिए एक बहुत बड़ी दरी दी और सदाव्रत के लिए भी पूछा, लेकिन वह हमारे पास पर्याप्तथा।

छोटू बाहर खाना बना रहा था। दाल तो बन गई थी पर वह गाकड़ बना रहा था कि पानी आ गया।प्रायः सभी खेतों में या तो सोयाबीन कट रहा है या कटे हुए सोयाबीन के ढेर लगे हैं। इस पानी से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

किसी तरह छोटू ने गाकड़ बना लिए। खाना खाकर, थोड़ा आराम करके जब सोने लगे, तब तक पानी बंद हो चुका था। बाहर बिजली का बल्ब जल रहा था।

रात को जब मैं उठा तो मेरे पैरों के पास की खाली दरी पर एक आदमी गुड़ीमुड़ी पड़ा था। उसने कुछ भी ओढ़ा नहीं था। लेटे-लेटे बड़बड़ा रहा था। मानो कहानी सुना रहा हो। फिर एकाएक ज़ोरों से हँसने लगता। बीच-बीच में रामायण की चौपाई बोलता। शायद पागल था। मैं चुपचाप सो गया।

थोड़ी देर के बाद वह उठकर बाहर चला गया। लेकिन जल्दी ही वापस आया। दरवाज़े पर खड़ा होकर गुर्राया, “कौन हो तुम लोग ? यहाँ कैसे घुस आए हो?” निरीह से दिखने वाले इस आदमी ने एकाएक विकराल रूप धारण कर लिया। अब वह बेहद गुस्से में था।

हमने कोई जवाब नहीं दिया। वह जोर से चीखा। हम लोग उठ बैठे। मैंने कहा, “जिन्होंने यह मंदिर बनवाया है, उन्होंने हमें यहाँ ठहराया है। देखिए, यह दरी और यह बाल्टी भी उन्होंने ही दी हैं।”

रैन बसेरे में Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus

लेकिन वह पागल जो था, ऊलजलूल बकने लगा। अपने आपको सी.आई.डी. इन्स्पेक्टर बताने लगा। “क्या समझते हो, मैं सादे भेष में रहकर चोरों का पता लगाता हूँ।” उसके सवाल बेसिर-पैर के थे। जवाब न देते तो चाबुक से मारने की धमकी देता। इसलिए मैं कोई न कोई जवाब देता रहा। वह लगातार चीखता-चिल्लाता रहा। बीच-बीच में हवा में ऐसे हाथ घुमाता, मानो हाथ में कोड़ा हो। जब उसकी नाराज़गी बढ़ जाती, तब उसका चेहरा क्रोध से विकृत हो उठता। मैंने अपने आपको कभी इतना असहाय अनुभव नहीं किया था। लाचार हम उसकी धौंस सहते रहे। पास-पड़ोस में कई घर थे। हमारी सहायता के लिए क्यों कोई आ नहीं रहा? क्या कोई समझता नहीं कि हमारे साथ क्या हो रहा है? ऐसा लगता था मानो यह रात कभी खत्म ही नहीं होगी।

तभी उसका ध्यान कोने में रखे हमारे सामान की ओर गया। “इसमें क्या है? मुझे इसकी तलाशी लेनी होगी।”

मुझे चिंता हुई। उसमें सब्जी काटने का चाकू भी था। कहीं वह उसके हाथ लग गया तो ? मेरे भीतर भय की एक हिलोरसी उठी।

उसने हमारा पिट्ठू खोला। एकएक चीज़ निकालकर फेंकने लगा। मैं दम साधे उसकी हर गतिविधि को देखता रहा।

डेटॉल की शीशी फर्श पर दे मारी। एक-एक चीज़ निकालकर फेंक दी। यहाँ तक कि चाकू भी फेंक दिया। अंत में दो-तीन किताबें निकालीं। किताबें उसने खोलकर देखीं, फिर ज्यों की त्यों वापस रख दीं। हमारी ओर मुड़कर छोटू से बोला, “बॉट इज युअर नेम?”

छोटू ने सहमते हुए कहा, “मुझे अंग्रेज़ी नहीं आती।”

मुझसे पूछा, “तुम क्या करते हो?”
मैंने कहा, “मैं शिक्षक था, बच्चों को पढ़ाता था, अब रिटायर हो गया हूँ।” मेरी आवाज स्थिर थी लेकिन अंदर ही अंदर मैं डरा हुआ था। वह चुप रहा, मानो कहीं खो गया हो। मानो कुछ याद कर रहा हो। मानो उसके भीतर कुछ आलोड़ित हो रहा हो। कुछ क्षण तक मुझे एकटक देखते रहने के बाद बोला, “अच्छा, सो जाओ।” मैं सिर से लेकर पाँव तक ओढ़कर सो गया। सोचा शायद अब वह चला जाए।

तभी एक विचित्र घटना घटी। अचानक उसने मेरे पैर दबाने शुरू कर दिए। उसके मज़बूत हाथों का स्पर्श अनुभव करते ही मैं काँप-सा गया। एक-एक करके दोनों पैर खूब अच्छी तरह से दबाए। उसमें बड़ी ताकत थी। फिर हाथ दबाए। हाथों की एकएक ऊँगली दबाई। हर घड़ी चिंता बनी रही कि कहीं कोई उँगली चटका न दे। इसके बाद उसने मेरी मुट्ठी खोली, उसमें कुछ रखा, मुट्ठी बंद की और चला गया। उसके जाते ही छोटू ने दरवाजा अंदर से बंद करके उसपर ताला लगा दिया। हमने राहत की साँस ली।

रैन बसेरे में Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus 2

लेकिन नींद नहीं आई। मैं जागता पड़ा रहा और सोचता रहा कि उसमें एकाएक बदलाव क्यों कर आया। वह उद्दंड से विनम्र कैसे बन गया ?

मुट्ठी खोलकर देखा तो उसमें बीस पैसे का सिक्का था।

धीरे-धीरे गुत्थी सुलझने लगी। किताबों को उसने फेंका नहीं था। किताबें देखकर अनजाने ही उसके मन में यह बात आई होगी कि ये शायद लिखने-पढ़ने वाले आदमी हैं, शायद गुरु हैं। उस विक्षिप्त अवस्था में भी उसके अवचेतन में यह संस्कार दबा पड़ा था कि गुरु का तो आदर करना चाहिए। और यह मालूम होने पर कि मैं शिक्षक हूँ, उसका व्यवहार एकाएक बदल गया। उसकी विक्षिप्तावस्था पर उसके संस्कारों ने बढ़त पा ली थी।

शिक्षक दिवस के अवसर पर पूरे देश में अनगिनत शिक्षकों का सम्मान किया जाता है। मेरे शहर में मेरा भी कई बार सम्मान हो चुका है। लेकिन उस रात को, भय और आतंक के साये में ही सही, मुझे जो सम्मान मिला, वह अपूर्व था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक शिक्षक के रूप में मेरा सर्वश्रेष्ठ सम्मान इस प्रकार होगा । इसके बाद मुझे कच्ची-सी नींद पड़ गई।

सबेरा हुआ। बिखरे सामान को फिर से पिट्रुठू में जमाते हुए छोटू ने कहा, “उसने हमारी कानी कौड़ी तक नहीं ली।” दरवाज़ा खोलकर हम बाहर आए। पड़ोस के युवक से कहा, “रात को एक पागल ने हमें बहुत परेशान किया। घंटे-डेढ़ घंटे तक हमें डराता-धमकाता रहा। वह हमें पीट भी सकता था।”
“वे मेरे पिता हैं। पागलपन का दौरा पड़ता है, तभी ऐसी हरकतें करते हैं। पर किसीको मारते नहीं। वैसे वे यहाँ नहीं रहते, मंडीदीप में मेरे भाइयों के पास रहते हैं। कल रात को ही आए हैं।”
“हमारी मदद के लिए तुम आए क्यों नहीं?”

“मैं खेत पर सोया था। सोयाबीन कट रहा है। अभी आया हूँ। आपके यहाँ से आने के बाद वे चबूतरे चले गए। अभी वहीं हैं।”

हमारा रास्ता चबूतरे से होकर जाता था। हम वहाँ से निकले तो वह वहाँ खड़ा मिला। हमने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया। तभी नीचे उतरकर, घुटनों के बल झुककर, उसने मेरे पाँव छुए। “गुरुदेव! बहुत शर्मिंदा हूँ। क्या करता, दौरा जो पड़ा था।” उसके चेहरे पर पछतावा था, आँखों में आँसू ।

मैंने कहा, “भाई, तुम नहीं जानते कि तुमने गुरुओं का कितना मान बढ़ाया हैकिसी एक गुरु का नहीं, तमाम गुरुओं का।”

इसके साथ ही हम आगे बढ़ लिए। और हाँ, वह सिक्का आज भी मेरे पास है।

Rain Basere Mem Summary in Malayalam

रैन बसेरे में Summary in Malayalam

ശ്രീ അമൃതാൽ വഡിന്റെ നർമ്മദായാത്രക്കിടയിലുണ്ടായ ഒരു സംഭവമാണ് “I R യാത്രാവൃത്താന്തത്തിൽ പ്രതിപാദിക്കുന്നത്. യാത്രക്കിടയിൽ അദ്ദേഹം തന്റെ സഹായിയായ ചോട്ടുവി നോടൊപ്പം “പാഡ” എന്ന ഗ്രാമത്തിലെത്തി.
വളരെ മോശം കാലാവസ്ഥയായതിനാൽ അന്ന് ആ ഗ്രാമത്തിൽ തങ്ങേണ്ടി വന്നു. കുറച്ച് ആളുകൾ ചേർന്ന് അവിടെ ഒരു ക്ഷേത്രം പണിയിച്ചിരുന്നു. ക്ഷേത്രനിർമ്മാണം ഇനിയും പൂർത്തിയായിട്ടില്ല. ക്ഷേത്രത്തിന്റെ സൂക്ഷിപ്പുകാരൻ ലേഖകനും സഹാ യിക്കും വിശ്രമിക്കുവാനായി ക്ഷേത്രം തുറന്നുകൊ ടുത്തു. നല്ല മഴ പെയ്തെങ്കിലും വളരെ ബുദ്ധിമുട്ടി പുറത്തു വച്ച് ചോട്ടു ഉണ്ടാക്കിയ ഭക്ഷണം കഴിച്ച് വിശ്രമിക്കാൻ തുടങ്ങുമ്പോഴേക്കും മഴ തോർന്നു കഴി ഞ്ഞിരുന്നു.

രാത്രിയിൽ എപ്പോഴോ ലേഖകൻ ഉണർന്നുനോക്കു മ്പോൾ തന്റെ കാലുകൾക്കരികിൽ ഒരു മനുഷ്യൻ ചുരുണ്ടു കൂടികിടക്കുന്നു. അയാൾ എന്തൊക്കെയോ പുലമ്പുന്നുണ്ട്. ഇടക്ക് പൊട്ടിച്ചിരിക്കുന്നു. രാമായ ണത്തിലെ വരികൾ ചൊല്ലുന്നു. ഇനി വല്ല ഭ്രാന്തനു
മാണോ……? ലേഖകൻ മിണ്ടാതെ കിടന്നുറങ്ങി. കുറച്ചു കഴിഞ്ഞ് അയാൾ എഴുന്നേറ്റ് പുറത്തേക്ക് പോവു കയും പെട്ടെന്ന് തന്നെ തിരികെ വരികയും ചെയ്തു. വാതിൽക്കൽ നിന്നുകൊണ്ടു ഗർജനസ്വരത്തിൽ അയാൾ ചോദിക്കുകയാണ് – “നിങ്ങൾ ആരാണ്….? ഇവിടെ എങ്ങനെ കടന്നു കയറി. അയാൾ കുപിതനാ യിരുന്നു.

रैन बसेरे में Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus

“ഈ ക്ഷേത്രം പണിയിച്ചവരാണ് ഞങ്ങളെ ഇവിടെ തങ്ങുവാൻ അനുവദിച്ചത്. നോക്കൂ കിടക്കുവാൻ വിരിപ്പും വെള്ളമെടുക്കുവാനുള്ള ബക്കറ്റും തന്നു.” ലേഖകൻ പറഞ്ഞു. എന്നാൽ അയാൾ വെറുതെ പുല മ്പിക്കൊണ്ടിരുന്നു. താൻ സി.ഐ.ഡി. ഇൻസ്പെക്ടറാണ്, സാദാ വേഷത്തിൽ കള്ളന്മാരെ തെരയുക യാണുപോലും. അയാളുടെ തലതിരിഞ്ഞ ചോദ്യങ്ങൾക്ക് മറുപടി നൽകിയില്ലെങ്കിൽ ചാട്ടവാർ കൊണ്ട് അടി നൽകുമെന്ന് ഭീഷണി. ചാട്ടവാർ പിടിച്ചിട്ടുളള മാതിരി അയാൾ കൈ അന്തരീക്ഷത്തിൽ ചുഴറ്റിക്കൊ ണ്ടിരുന്നു. ലേഖകനേയും ചോട്ടുവിനേയും സഹായിക്കുവാൻ ആരും ഉണ്ടായിരുന്നില്ല. ഈ രാത്രി ഒരി ക്കലും അവസാനിക്കുന്നില്ലല്ലോ എന്ന് ചിന്തിച്ചുപോയി.

അയാളുടെ ശ്രദ്ധ മുറിയിലിരിക്കുന്ന സാധനങ്ങളിലേക്ക് തിരിഞ്ഞു. “ഇതിൽ എന്താണുള്ളത്, എനിക്ക് ഇതൊക്കെ പരിശോധിക്കണം.” അയാൾ അലറി.

ലേഖകന് ഭയം തോന്നി. അതിനുള്ളിൽ പച്ചക്കറി മുറിക്കുന്ന കത്തിയുണ്ട്. അതെങ്ങാനും അയാളുടെ കൈയിൽ കിട്ടിയാൽ
അയാൾ ഭാം തുറന്നു. കൈയിൽ കിട്ടിയതെന്തും എടുത്ത് വലിച്ചെറിയുവാൻ തുടങ്ങി. അതുകഴിഞ്ഞ് രണ്ടു മൂന്നു പുസ്തകങ്ങൾ കിട്ടി. അത് തുറന്നു നോക്കിയിട്ട് സുരക്ഷിതമായി തിരികെവച്ചു. അയാൾ ചോട്ടുവിനോട് ചോദിച്ചു.

“What is your name?”
“എനിക്ക് ഇംഗ്ലീഷ് അറിയില്ല”. ചോട്ടു സങ്കോചത്തോടെ പറഞ്ഞു.
ലേഖകനോട് ചോദിച്ചു – “നിങ്ങൾ എന്തുചെയ്യുന്നു?
“ഞാൻ അദ്ധ്യാപകനായിരുന്നു. ഇപ്പോൾ വിരമിച്ചു.
ഏതോ ചിന്തയിൽ മുഴുകി അയാൾ പെട്ടെന്നു നിശബ്ദനായി ലേഖ
കനെ സൂക്ഷിച്ചുനോക്കി.
“ശരി ഉറങ്ങിക്കോളൂ.
ലേഖകൻ ശരീരമാസകലം പുതച്ച് ഉറങ്ങുവാൻ കിടന്നു.
അപ്പോൾ വിചിത്രമായ ഒരു സംഭവമുണ്ടായി.
അയാൾ ലേഖകന്റെ കാലുകൾ തിരുത്തുവാൻ തുടങ്ങി. പിന്നെ കൈകൾ; കൈവെള്ളയിൽ എന്തോ വച്ചു കൊടുത്തു. എന്നിട്ട് അയാൾ ഇറങ്ങി പ്പോയി.
ഛോട്ടു അകത്തു നിന്ന് വാതിലടച്ചു; ആശ്വാസമായി. പക്ഷേ ഉറക്കം
വന്നില്ല.
ലേഖകൻ ചിന്തിച്ചു – അയാളുടെ പെരുമാറ്റത്തിൽ പെട്ടെന്ന് എന്താണിത്ര മാറ്റം. കൈ തുറന്നുനോക്കി. 20 പൈസയുടെ ഒരു നാണയം.
മനസ്സിൽ ഉടലെടുത്ത ചോദ്യങ്ങൾക്ക് ലേഖകൻ സ്വയം ഉത്തരങ്ങൾ കണ്ടെത്തുവാൻ തുടങ്ങി.
അയാൾ എന്തുകൊണ്ട് പുസ്തകങ്ങൾ വലിച്ചെറിഞ്ഞില്ല.
ഇവർ വിദ്യാസമ്പന്നരായിരിക്കാം. ഗുരുക്കന്മാരായിരിക്കാം എന്ന് ചിന്തിച്ചിട്ടായിരിക്കുമോ……..

ഗുരുക്കന്മാരെ ആദരിക്കണമെന്ന സംസ്കാരം കലുഷിതമായ ആ മനസ്സിലും എവിടെയോ മറഞ്ഞു കിട ക്കുന്നില്ലേ.

रैन बसेरे में Summary in Malayalam Hindi Class 10 Kerala Syllabus 3

ലേഖകൻ അധ്യാപകനാണെന്നറിഞ്ഞപ്പോൾ അയാളുടെ പെരുമാറ്റത്തിൽ പൊടുന്നനെ മാറ്റം സംഭവിച്ചു. അധ്യാപകദിനത്തിൽ രാജ്യം മുഴുവനും ധാരാളം അധ്യാപകരെ ആദരിക്കുന്നു. ലേഖകനേയും അദ്ദേഹ ത്തിന്റെ നാട്ടിൽ പല തവണ ആദരിച്ചിട്ടുണ്ട്. എങ്കിലും ഭയന്നുവിറച്ച ആ രാത്രിയിൽ അദ്ദേഹത്തിന് ലഭിച്ച ആദരം മറക്കാനേ കഴിയില്ല.

നേരം പുലർന്നപ്പോഴേ ചിതറിക്കിടന്നിരുന്ന സാധനങ്ങളൊക്കെ എടു ത്തു വയ്ക്കുമ്പോൾ ചോട്ടു പറയുന്നുണ്ടായിരുന്നു അയാൾ നമ്മുടെ ഒരു ചില്ലിക്കാശു പോലും എടുത്തിട്ടില്ല. മടങ്ങിപ്പോകാൻ നേരം അയ ലത്തു താമസിക്കുന്ന യുവാവിനോട് പറഞ്ഞു “രാത്രി ഒരു ഭ്രാന്തൻ ഞങ്ങളെ വല്ലാതെ ബുദ്ധിമുട്ടിച്ചു.

“അത് എന്റെ പിതാവാണ്. അദ്ദേഹത്തിന് ബുദ്ധിഭ്രമമാണ്. അത് കൂടു മ്പോഴാണ് ഇത്തരം പ്രവൃത്തികൾ ചെയ്യുന്നത്. “മിദീപിൽ’ എന്റെ സഹോദരന്മാരോടൊപ്പമാണ് അദ്ദേഹം താമസിക്കുന്നത്. ഇന്നലെ രാത്രി യിൽ ഇവിടെ വന്നതാണ്. യുവാവ് പറഞ്ഞു.
“ഞങ്ങളെ സഹായിക്കുവാൻ നിങ്ങൾ വന്നില്ലല്ലോ.

“ഞാൻ ഇന്നലെ രാത്രി പാടത്തായിരുന്നു ഉറങ്ങിയത്. സോയാബീനിന്റെ വിളവെടുപ്പ് നടക്കുകയാണ്.
ലേഖകനും ഛോട്ടുവും പോകാൻ തുടങ്ങുമ്പോൾ ആ മനുഷ്യൻ അവരെ കാണുന്നു. ഓടിവന്ന് ലേഖകന്റെ കാൽക്കൽ വീണുകൊണ്ട് അയാൾ പറഞ്ഞു.

“ഗുരുദേവാ, എനിക്ക് ലജ്ജയുണ്ട്. ഒന്നും മനപൂർവ്വമല്ല.
അയാളുടെ കണ്ണുകൾ നിറഞ്ഞിരുന്നു.

“സഹോദരാ, താങ്കൾ മുഴുവൻ ഗുരുക്കന്മാരുടേയും അന്തസ്സ് വാനോളം ഉയർത്തിപ്പിടിച്ചിരിക്കുന്ന വിവരം താങ്കൾ തന്നെ അറിയുന്നില്ല. ഇപ്രകാരം പറഞ്ഞുകൊണ്ട് അവർ പോകുവാൻ തുടങ്ങി. ആ നാണയം അപ്പോഴും അദ്ദേഹത്തിന്റെ കൈയിലുണ്ടായിരുന്നു.

रैन बसेरे में कवि परिचय अमृतलाल वेगड़

अमृतलाल वेगड़ का जन्म 3 अक्तबर 1928 मृत्यु 6 जुलाई 2018 मध्य प्रदेश में हुआ। उन्होंने 1948 से 1953 तक शांतिनिकेतन में कला का अध्ययन किया। वे नर्मदा-व्रती चित्रकार और लेखक हैं। मध्य प्रदेश शासन के संस्कृति विभाग द्वारा राष्ट्रीय शरद जोशी सम्मान, केंद्र सरकार द्वारा महापंडित राहुल सांकृत्यायन पुरस्कार, विद्यानिवास मिश्र स्मृति सम्मान आदि से वे पुरस्कृत हैं। सौदर्य की नदी नर्मदा, अमृतस्य नर्मदा, तीरे-तीरे नर्मदा आदि उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।

रैन बसेरे में शब्दाथ

  • रैन बसेरा – രാത്രിയിൽ കൂടുവാനുള്ള സ്ഥലം
  • तिल – എള്ള്, sesame seed
  • चाँद – moon
  • अकेला – alone
  • जमात में – दल में, കുട്ടത്തോടെ
  • पगडंडी – ഒറ്റയടിപ്പാത, narrow pathway
  • एकाएक – अचानक, suddenly
  • खतरनाक – dangerous
  • पतली – നേർത്ത, thin
  • गड़वाट – മൺപാത
  • लगातार – निरंतर, continuously
  • धमकाना – डराना, ഭീഷണിപ്പെടുത്തുക
  • फर्श – floor
  • दरी – carpet
  • सदाव्रत – गरीब यात्रियों को बिना मूल्य-ज़रूरी वस्तुएँ देने की व्यवस्था ।
  • गाकड़ – एक खाद्य पदार्थ जो गेहूँ के आटे से बनाया जाता है।
  • नुकसान – नष्ट, loss
  • गुड़मुड़ीपड़ा था – ഉരുണ്ടുകൂടി കിടക്കുകയായി
  • बड़बड़ाना – പുലമ്പുക, to babble
  • पागल – ഭ്രാന്തൻ, mad
  • चौपाई – चौपाई छंद की पंक्तियाँ, “ചൗപായി എന്ന വൃത്തനിയ മത്തിൽ എഴുതിയ വരികൾ
  • निरीह – innocent
  • विकराल – भयानक
  • बेहद – बहुत अधिक
  • ठहराया – ठहरने दिया
  • ऊलजलूल बकना – बेकार की बातें कहना
  • सवाल – question
  • चाबुक – कोडा, whip, ചാട്ട
  • धौंस – धमकी, ഭീഷണി
  • तलाशी – खोज, അമ്പേഷണം, search
  • चाकू – knife
  • पिट्ठू – पेटी, box
  • आलोडित होना – सोच-विचार होना
  • एकटक देखना – കണ്ണിമക്കാതെ നോക്കുക
  • ताकत – शक्ति
  • चटकाना – तोड़ना
  • ताला – lock
  • उदंड – ധിക്കാരി, arrogant
  • गुत्थी – समस्या, problem
  • सुलझना – പരിഹരിക്കപ്പെടുക, to be solved
  • विक्षिप्त – Also, വിദ്രാതി
  • साये में – നിഴലിൽ, in the shadows
  • कानी कौडी – ചില്ലിക്കാശ്
  • हरकत – പ്രവൃത്തി
  • तमाम – संपूर्ण

Leave a Comment